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सऊदी अरब में मिला प्राचीन मंदिर, 8000 साल पुरानी सभ्यता की हुई खोज!

सऊदी अरब में खुदाई और सर्वे के दौरान एक स्टोन टेंपल और वेदी मिले हैं. यहां 8 हजार साल पुरानी मानव बस्तियों के अवशेष भी मिले हैं. इसके अलावा इस जगह पर अलग-अलग काल के 2,807 कब्र भी पाए गए हैं. यहां के पत्थरों पर आर्टवर्क और शिलालेख के जरिए एक शख्स की कहानी भी बताई गई है. धार्मिक शिलालेख भी सामने आए हैं.

सऊदी के रेगिस्तान में मिले 8 हजार साल पुरानी मानव बस्तियों के अवशेष (Credit- Saudi Heritage Commission) सऊदी के रेगिस्तान में मिले 8 हजार साल पुरानी मानव बस्तियों के अवशेष (Credit- Saudi Heritage Commission)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST
  • सर्वे में धार्मिक शिलालेख मिले
  • अल-फाओ में चलता रहेगा रिसर्च

सऊदी अरब के एक रेगिस्तान में सर्वे के दौरान मंदिर और वेदी मिले हैं. यहां 8 हजार साल पुरानी मानव बस्तियों के अवशेष भी मिले हैं. कभी किंडा राज्य की राजधानी रही अल-फाओ में यह खोज हुई है.

अल-फाओ (Al-Faw), Al-Rub’ Al-Khali (द एंपटी क्वाटर) नाम के एक रेगिस्तान के किनारे पर बसी थी. यह Wadi Al-Dawasir से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में है.

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saudigazette.com.sa के मुताबिक, अल-फाओ में सऊदी अरब हेरिटेज कमीशन की तरफ से एक मल्टी नेशनल टीम सर्वे करने गया था. उन लोगों ने आसमान से लेकर जमीन के अंदर तक वहां एक डीप सर्वे किया. इसमें कई चीजें निकलकर सामने आईं.

यहां मिली चीजों में सबसे खास एक स्टोन टेंपल और वेदी के कुछ हिस्से हैं. माना जा रहा है कि अल-फाओ के लोग यहां अनुष्ठान करते थे. अल-फाओ के पूर्वी हिस्से में मिला पत्थरीला मंदिर, माउंट तुवैक के एक किनारे पर है, जिसे खशेम कारियाह कहा जाता है.

इसके अलावा, 8 हजार साल पुराने नवपाषाणकाल की मानव बस्तियों के अवशेष यहां से मिले हैं. इसके अलावा अलग-अलग काल के 2,807 कब्र भी इस जगह पर दिखे हैं.

अल-फाओ में जमीन के अंदर से कई धार्मिक शिलालेख भी मिले हैं. जिससे यहां मौजूद लोगों की धार्मिक समझ के बारे में भी कई अहम जानकारियां मिली हैं. सर्वे में अल-फाओ की भौगोलिक संरचना के बारे में भी कई अहम बातें सामने आई हैं.

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इस स्टडी से अल-फाओ की जटिल सिंचाई व्यवस्था के बारे में भी पता चला है. नहरें, पानी के कुंड के अलावा स्थानीय लोगों ने यहां पर सैकड़ों गड्ढे खोद रखे थे, ताकि वे लोग बारिश के पानी को खेतों तक पहुंचा सकें. इन खोजों के जरिए यह पता चलता है कि दुनिया के सबसे कठिन रेगिस्तान में लोग बारिश के पानी को कैसे बचाते थे.

माउंट तुवैक के पत्थरों पर किए गए आर्टवर्क और शिलालेख Madhekar Bin Muneim नाम के एक शख्स की कहानी बताते हैं. इसके अलावा पत्थरों की कलाकृतियों के जरिए हंटिंग, ट्रैवल और बैटल के बारे में भी जानकारियां मिलती हैं.

बता दें कि हेरिटेज कमीशन यह सर्वे इसलिए कर रहा है क्योंकि वे लोग देश में मौजूद विरासत के बारे में जानना चाहते हैं और उसे सहेज कर रखना चाहते हैं. अल-फाओ में यह रिसर्च चलता रहेगा ताकि और नई-नई चीजों के बारे में पता लगाया जा सके.

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