
काम- महज बिस्तर पर सोना और कमाई- लाखों में. ये सुनकर आपको पहली बार में यकीन नहीं होगा, लेकिन ये सच है. एक कंपनी ऐसी है, जो महज पर बिस्तर पर सोने की जॉब ऑफर (Company Job Offer) कर रही है. बदले में वो अच्छी-खासी सैलरी (Decent Salary) देगी. बस आपको कंपनी की कुछ शर्तें फुलफिल करनी होंगी. तो आइए जानते हैं इस 'ड्रीम जॉब' के बारे में...
आपको बता दें कि इस कंपनी का नाम Sleep Junkie है. ये कंपनी 'आराम पसंद' लोगों को एक खास जॉब ऑफर कर रही है, जिसमें सेलेक्टेड कैंडिडेट का काम केवल बिस्तर पर सोना होगा. दरअसल, कैंडिडेट को Sleep Junkie कंपनी के बिस्तर, तकिए, आई मास्क आदि को यूज कर उनके बारे में रिव्यू देना होगा. इसके लिए कंपनी कैंडिडेट को मोटी सैलरी देगी.
कितनी सैलरी देगी कंपनी?
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनी सेलेक्टेड कैंडिडेट को दो हजार डॉलर (डेढ़ लाख रुपये) का भुगतान करेगी. दो महीने तक हर कैंडिडेट को प्रति घंटे 250 डॉलर (18 हजार रुपये) दिया जाएगा. इस मैट्रेस टेस्टर (Mattress Tester) का काम करने लोगों को कंपनी के निर्धारित किए गए समय में बिस्तर पर सोना होगा और फिर उन्हें अपना एक्सपीरिएंस बताना होगा.
जिसके आधार पर कंपनी के लोग इस बात की समीक्षा करेंगे कि उन्होंने आपकी नींद की गुणवत्ता और मात्रा में अंतर देखा है या नहीं. Sleep Junkie का कहना है कि वह इस डेटा का उपयोग "दुनिया भर में परेशान स्लीपरों को गाइड करने के लिए करेगा."
जॉब पाने के लिए करना होगा ये काम
Sleep Junkie कंपनी के नियम के मुताबिक, जॉब के लिए आवेदन करने वाले शख्स को 150-शब्द का स्पष्टीकरण लिखकर देना होगा कि 'उसे ये जॉब क्यों दी जाए.' आवेदक को टॉस-एंड-टर्नर (बिस्तर पर करवटें बदलना वाला) होना चाहिए. गहरी नींद में सोने वाले लोग अप्लाई नहीं कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम तारीख 14 फरवरी है. अप्लाई करने वाले की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए. साथ ही आवेदक के पास एक स्मार्टफोन भी होना चाहिए जो "स्लीप ट्रैकिंग ऐप्स से लैस हो."
कंपनी के नींद विशेषज्ञ डोरोथी चेम्बर्स ने एक बयान में कहा, "हम मानते हैं कि हर कोई एक आरामदायक रात की नींद का हकदार है और उसे ये दिलाने में मदद कर सकते हैं." कंपनी का कहना है कि वह 18 मार्च को 'विश्व नींद दिवस' से पहले अनिद्रा की समीक्षाओं को प्रकाशित करेगी.
गौरतलब है कि कोविड संकट के बीच जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित फरवरी 2021 के विश्लेषण में पाया गया कि महामारी शुरू होने के बाद से 40% लोग नींद की समस्या से पीड़ित हैं. हालांकि, हमें नए और अधिक आरामदायक उत्पादों से सावधान भी रहना होगा. एक्सपर्ट का कहना है कि अधिक ऊंचाई या मोटाई वाले तकिए का उपयोग करने से गर्दन और पीठ में दर्द हो सकता है.