
जिस उम्र में आजकल के युवा करियर बनाने को सोचते हैं और खाली वक्त में एंजॉय करने के लिए मॉल और सिनेमा जाना पसंद करते हैं, वहीं का एक नौजवान पायलट के सुनहरे करियर के सपने को छोड़कर पेड़ों के साथ वक्त बिताता है.
दिल्ली के 27 वर्षीय वरहीन खन्ना कहते हैं कि दिल्ली में लोगों को ट्री ब्लाईंजनेस है. यहां लोगों को सब दिखता है पर पेड़ नहीं दिखते. वरहीन ने पायलट का कोर्स अमेरिका से किया था हालांकि भारत में प्लेन उड़ाने के लिए डीजीसीए से मान्यता लेनी पड़ती है. ऐसे में तमाम भागदौड़ करने के बाद फिलहाल के लिए ये आईडिया ही त्याग दिया और न्यू दिल्ली नेचर सोसाईटी संस्था बनाई.
वरहीन अपने साथियों के साथ रोजाना किसी ना किसी पार्क में जाते हैं और पेड़ों के साथ वक्त बिताते हैं. अबतक 100 से ज्यादा लोगों को पेड़ पर चढ़ना और आराम करना सिखा चुके हैं. वरहीन कहते हैं कि पेड़ अपने दोस्त होते हैं और अब वह पेड़ के साथ रहते हैं तो उन्हें अच्छा लगता है. उनके साथी भी इस शौक से खुश हैं और खुद भी अपनी भागीदारी दिखाते हैं.
दूसरे साथी कहते हैं कि पेड़ों को हमारी नहीं हमें पेड़ों की जरूरत हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपनी आंखे खोलना. वरहीन रोजाना आरडब्लूए जाते है और सेक्टर के पेड़ों की गिनती और उनकी देखरेख करते हैं.