
देश के जाने माने बोर्डिंग स्कूलों के एक मेगा ईवेंट का विज्ञापन इन दिनों चर्चा में है. दरअसल, अखबार में निकला ये विज्ञापन किसी अच्छी बात नहीं बल्कि एक बड़ी गलती के चलते वायरल हो रहा है. दिल्ली के एक अखबार में निकले इस विज्ञापन में स्कूली बच्चों के अभिभावकों को "भारत के प्रमुख बोर्डिंग स्कूलों की एक मेगा ईवेंट" में आमंत्रित किया गया था.
'जर्मन राष्ट्रपति का आवास है ये'
इसमें लगी तस्वीर में गड़बड़ी को भारत और भूटान में जर्मन राजदूत डॉ फिलिप एकरमैन ने हाईलाइट करके अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया. अपने पोस्ट में उन्होंने बताया कि विज्ञापन में दिखाई गई इमारत कोई बोर्डिंग स्कूल नहीं बल्कि बर्लिन में जर्मन राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है.
'यहां किसी बच्चे को एडमिशन नहीं मिलेगा'
उन्होंने एड की फोटो शेयर करके लिखा "प्रिय भारतीय माता-पिता - मुझे यह आज के अखबार में मिला. लेकिन यह इमारत कोई बोर्डिंग स्कूल नहीं है! यह बर्लिन में जर्मन राष्ट्रपति का आवास है. ये हमारा राष्ट्रपति भवन है. जर्मनी में भी अच्छे बोर्डिंग स्कूल हैं - लेकिन यहां, किसी भी बच्चे को प्रवेश नहीं दिया जाएगा''. इस पोस्ट के बाद से विज्ञापनदाताओं द्वारा फर्जी तस्वीर शेयर किए जाने का मज़ाक उड़ाते हुए कई लोगों ने इसपर ढेरों कमेंट किए.
'शुक्र है कि व्हाइट हाउस की तस्वीर नहीं लगाई'
एक इंटरनेट यूजर ने मजे लेते हुए लिखा- "राजदूत, आप भारत धोखाधड़ी वाले अंतरराष्ट्रीय स्कूल इवेंट के बिजनेस में बाधा डाल रहे हैं." दूसरे ने मजाक में लिखा, "शुक्र है इन्होंने इसमें व्हाइट हाउस की तस्वीर नहीं डाली". ये पोस्ट वायरल होने के बाद से काफी चर्चा में है लेकिन कार्यक्रम आयोजकों ने अभी तक इसको लेकर कोई कमेंट नहीं किया है.