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86 साल के बुजुर्ग ने चुराई मरे हुए भाई की पहचान, 50 साल बाद हुआ खुलासा, किया ये काम

अधिकारियों का कहना है कि नेपोलियन गोंजालेज अपने नाम पर तो सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स के तहत मिलने वाले पैसे लेता ही था, साथ ही अपने भाई के नाम से भी पैसे लेता था.

बुजुर्ग शख्स ने अपने भाई की पहचान चोरी की (तस्वीर- Pixabay) बुजुर्ग शख्स ने अपने भाई की पहचान चोरी की (तस्वीर- Pixabay)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

एक 86 साल के बुजुर्ग को अपने ही भाई की पहचान चोरी करने का दोषी पाया गया है. उसने 1960 के दशक के मध्य में ऐसा करना शुरू किया था. उसने अपने भाई की मौत के बाद उसके नाम पर पासपोर्ट और सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स लिए. मामला अमेरिका का है. दोषी की पहचान नेपोलियन गोंजालेज के तौर पर हुई है. उसे बीते हफ्ते शुक्रवार को दो दिन तक चली सुनवाई में अदालत ने पहचान की चोरी करने, पासपोर्ट फ्रॉड, सोशल सिक्योरिटी फ्रॉड और मेल फ्रॉड करने का दोषी ठहराया है. 

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कोर्ट ने कहा कि गोंजालेज ने पहली बार साल 1965 में अपने भाई गुइलेर्मो गोंजालेज की पहचान का इस्तेमाल किया. जबकि उसके भाई की मौत बचपन में ही 1939 में हो गई थी. अधिकारियों का कहना है कि नेपोलियन गोंजालेज अपने नाम पर तो सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स के तहत मिलने वाले पैसे लेता ही था, साथ में अपने भाई के नाम से भी पैसे लेता था. उसके पास दो पासपोर्ट और स्टेट आइडेंटिफिकेशन कार्ड मिले हैं.

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पहले भी मामले में हुई थी जांच 

इस मामले में पहले धोखाधड़ी की संभावना का पता चलने के बाद साल 2010 में जांच हुई थी, तब गोंजालेज को पैसे देने पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद 2020 में एक नई जांच शुरू हुई. इसका खुलासा तब हुआ, जब फेशियल आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर से पता चला कि गोंजालेज का चेहरा दो स्टेट आइडेंटिफिकेशन कार्ड्स में दर्ज हुआ है. गोंजालेज को अभी सजा नहीं सुनाई गई है. अगर उसे सजा सुनाई जाती है तो 20 साल तक की जेल हो सकती है. इसके साथ ही भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है. उसे मेल फ्रॉड के मामले में सबसे अधिक जुर्माना देना पड़ सकता है.  

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