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'भारत ने पूरी तरह बदल डाली जिंदगी...', अमेरिकी महिला ने बताया क्या-क्या सीखा यहां

भारत में शिफ्ट हुई एक अमेरिकी महिला क्रिस्टीन फिचर (Kristen Fischer) ने हाल में बताया कि कैसे भारत आने के बाद उसकी और उसके परिवार की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. उसने एक वीडियो के माध्यम से ये समझाया है.

फोटो-  instagram@kristenfischer3 फोटो- instagram@kristenfischer3
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

इस बात में कोई शक नहीं कि भारत कई मायनों में दुनिया के बाकी देशों से अलग और खास है. यहां के रहन सहन से लेकर यहां की संस्कृति अपने आप में शानदार है. बाहरी देश के लोगों के ये बहुत प्रभावित और आकर्षित करता है. भारत में शिफ्ट हुई एक अमेरिकी महिला क्रिस्टीन फिचर (Kristen Fischer) ने हाल में बताया कि कैसे भारत आने के बाद उसकी और उसके परिवार की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. उसने एक वीडियो में छोटे- छोटे क्लिप्स के माध्यम से ये समझाया है.

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वीडियो में उसने बताया कि भारत आने के बाद से मेरा जीवन कई तरह से बदल गया है. यहां निश्चित रूप से एडजस्टमेंट में समय लगा, लेकिन अब मुझे भारत में अपना जीवन पसंद है.
1. मैं शाकाहारी बन गई. खाने का भारतीय तरीका बेहतर है, और इसमें शाकाहारी होना भी शामिल है. पशु क्रूरता और स्वास्थ्य लाभों के बीच, शाकाहारी खाना मेरे लिए आसान नहीं था.

2. मैंने भारतीय कपड़े पहनना शुरू कर दिया है जो हमेशा हल्के सूती कपड़े से बने होते हैं जो यहां के गर्म मौसम के लिए बहुत अच्छे होते हैं. मैं लगभग हर दिन कुर्ता पहनती हूं और मुझे यह पसंद है. 
3. फिशर ने कहा- यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज भी काफी सुविधाजनक है. दिल्ली में दुनिया के कुछ सबसे अच्छे पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑप्शंस हैं! अमेरिका में, इसकी कमी है और आप कहीं भी जाना चाहते हैं, तो आपके पास एक कार होनी चाहिए.
4. चाय हर भारतीय की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मुझे भी इसकी आदत पड़ने में समय नहीं लगा. चाय अब मेरे रूटीन का हिस्सा है.भारत को धन्यवाद. यह शायद दिन का मेरा पसंदीदा वक्त होता है जब मैं ब्रेक लेती हूं.

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5. फिशर ने बताया कि - मैं अब अपने बच्चों को भारत के एक प्राइवेट स्कूल में भेजती हूं. यह अमेरिका में संभव नहीं होता क्योंकि प्राइवेट स्कूल बहुत महंगे होते हैं और एजुकेशन की क्वालिटी में भी खास अंतर नहीं होता है. लेकिन भारत में, निजी स्कूल बहुत अच्छे हैं और वे मेरे बच्चों को सफलता की राह पर ले जाएंगे.

6. मैंने वास्तव में अपने हाथों से खाना शुरू कर दिया है और मैं इसे एंज्वाय करती हूं. शुरुआत में मुझे ये मेसी लगता था लेकिन अब मैं हाथों से खाना पसंद करती हूं और यहां तक ​​कि सोचती हूं कि इस तरह से भोजन का स्वाद बेहतर होता है.
7. भारत आकर मैंने हिंदी भी सीखी. भारत आकर मैंने जो एक स्पष्ट बदलाव किया वह था नियमित रूप से हिंदी भाषा सीखना और उसका उपयोग करना. हिंदी में पारंगत हुए बिना दिल्ली में रहना बहुत मुश्किल है. यह कड़ी मेहनत थी, लेकिन मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं हिंदी सीखने और बोलने में कामयाब रही. 

8. फिशर ने कहा कि अमेरिका के उलट उन्हें भारत में घर के कई काम सीखने पड़े. अमेरिका में, हमारे पास डिशवॉशर, ड्रायर और कचरा डिसपोजल जैसी सुविधाएं हैं. लेकिन यहां मुझे घर के कई काम बिना मशीनों के बिल्कुल नए तरीके से करना सीखना पड़ा. 
9. और हां, फिशर भारत में भोजन के विकल्पों से प्रभावित हूं .अमेरिका में खाना आमतौर पर क्विक और ईजी चुना जाता बै. लेकिन भारत में, खाना भरपूर होता है. ताज़ा और घर का बना होता है. मैंने बहुत सी चीजें बनाना सीखा है जिन्हें मैं अमेरिका में फ्रोजन खरीदती थी.
10. अंत में फिशर ने कहा- पहले, मैं टॉयलेट स्प्रेयर का उपयोग करने के लिए हिचकिचा रही थी लेकिन ये बहुत हाईजीनिक है.  

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फिचर के पोस्ट पर लोग ढेरों प्यारे कमेंट कर रहे हैं और उन्हें बता रहे हैं कि भारत में सीखने के लिए और भी बहुत सी और बेहतर चीजें हैं. लोग खुद को भारतीय संस्कृति में ढाल लेने के लिए फिचर की तारीफ करते नहीं थक रहे.

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