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महिला ने किया पुलिस पर केस, मिला मुआवजे में बेशुमार पैसा, अब बैठे-बैठे खाएंगी 7 पुश्तें

एक एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस को सेक्स डिस्क्रिमिनेशन का दोषी पाया है. कोर्ट ने फैसला सुनते हुए रेबेका कैलम नाम की महिला को बतौर मुआवजा 8 करोड़ 70 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है.

कोर्ट ने एक हैरान करने वाला  फैसला सुनाया है  कोर्ट ने एक हैरान करने वाला  फैसला सुनाया है 
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 12 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस के खिलाफ सेक्स डिस्क्रिमिनेशन का केस जीतने के बाद एक पूर्व फायर आर्म्स ऑफिसर को कथित तौर पर 8 करोड़ 70 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. एक एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई के दौरान मालूम चला कि रेबेका कैलम नाम की महिला को 2012 में बल की फायर आर्म्स यूनिट के लिए 'पोस्टर गर्ल' बनाया गया था. साथ ही कहा ये भी गया था कि जब तक वह इसके लिए सहमत नहीं हो जाती, वह ट्रेनिंग कोर्स पास नहीं कर सकती. 

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2016 में जब वह पांच महीने की गर्भवती थी, तब उसे एक फोटो शूट के लिए पोज़ देने को कहा गया था. बताया ये भी जा रहा है कि तब उसने पुरुष अधिकारियों द्वारा पुलिस स्टेशन के आसपास नोटिस बोर्डों पर जननांगों की तस्वीरें लगाने और महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण भाषा का उपयोग करने की शिकायत भी की थी.

ट्रिब्यूनल ने सुना कि मार्च 2012 में प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान, कैलम को अपना अंडरवियर तक उतारना पड़ा. एक महिला के प्रति पुरुष अफसरों का रवैया कैसा था इसका अंदाजा इसे से लगाया जा सकता है कि उसे प्रेस-अप के आदेश दिए गए.

हालात तब बद से बदतर हुए जब प्रेस-अप करते समय, एक पुरुष प्रशिक्षक ने अपना पैर उनकी गर्दन के पीछे रखा. पुरुष अफसर ने महिला से कहा कि, सिर्फ इसलिए कि तुम्हारे स्तन हैं इसका मतलब यह नहीं है कि तुम प्रेस अप नहीं कर सकतीं.

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उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव और उत्पीड़न के दावे जीतने के बाद नवंबर में एक अन्य एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल ने उसके लिए बतौर मुआवजा 3 लाख 18 हज़ार रुपये देने की घोषणा की थी.

वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस से जुड़े कुछ दावे ऐसे भी हैं जो बैलिस्टिक बॉडी कवच सहित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) प्रदान करने में विफलता से सम्बंधित हैं.

कहा जा रहा है कि जो कुछ भी वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने एक महिला होने के नाते कैलम के साथ किया उसके बदले उनके लिए करीब 8 करोड़ 70 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई है. कहा ये भी जा रहा है कि ये अब तक का अपनी तरह का सबसे बड़ा भुगतान है.

न्यायाधिकरण के दौरान एक बयान में, वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस के उप मुख्य कांस्टेबल, स्कॉट ग्रीन ने कहा है कि, "मुझे खेद है कि श्रीमती कलाम द्वारा उठाए गए गंभीर मुद्दों को संबोधित करने के लिए जल्द ही और कुछ नहीं किया गया जिसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूं.

साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कैलम ने जो भी मुद्दे उठाए हैं वो तब के हैं जब वो 2012 में फायर आर्म्स यूनिट में शामिल हुई थीं. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि पिछले दो वर्षों में संस्कृति, मानकों और कामकाजी माहौल में सुधार के लिए कड़ी मेहनत हुई है.

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बयान में आगे कहा गया, 'पुलिसिंग में महिला-द्वेषपूर्ण, भेदभावपूर्ण या अपमानजनक व्यवहार के लिए कोई जगह नहीं है और आचरण और व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को स्थापित करने और सुदृढ़ करने के लिए बहुत प्रगति हुई है.'

साथ ही सफाई में ये भी कहा गया है कि सभी महिला फायर आर्म्स ऑफिसर्स को उनकी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए विशिष्ट उपकरण जारी किए गए हैं, जिसमें गठित बैलिस्टिक सुरक्षा भी शामिल है.

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