
ताइवान आज समलैंगिक विवाह कानून को मान्यता देने वाला एशिया का पहला देश बन सकता है. यहां की एक अदालत समलैंगिक संगठनों की याचिका पर फैसला सुनायेगी कि समान लिंग वाले युगलों को विवाह की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं.
समलैंगिक कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि निर्णय उनके पक्ष में आयेगा. ताइवान में समान विवाह अधिकार की मांग को लेकर दबाव बढ़ रहा है. लेकिन रूढिवादी समूह इसके विरोध में हैं. उन्होंने कानून में परिवर्तन के खिलाफ जन रैलियां की हैं. उनका मानना है कि इस बहस ने समाज को बांट दिया है.
समलैंगिक विवाह के समर्थकों और विरोधियों के आज दोपहर को मध्य ताइपे में जुटने की संभावना है. इस मुद्दे पर न्यायपालिका का फैसला स्थानीय समयानुसार चार बजे ऑनलाइन पोस्ट किया जायेगा.
इस मामले में 14 वरिष्ठ न्यायाधीशों का एक पैनल फैसला सुनायेगा कि ताइवान का मौजूदा कानून संवैधानिक है या नहीं. ताइवान में समलैंगिक अधिकारों के लिए अभियान छेड़ने वाले अगुआ ची चीआ-वी ही इस मामले को संवैधानिक न्यायालय में लाए.
इस मुद्दे पर तीस सालों से सक्रिय ची ने कहा कि वे सौ फीसदी आश्वस्त हैं कि फैसला उनके पक्ष में आयेगा.