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सोशल मीडिया पर अलग-अलग बीमारी या सिंड्रोम की खबरें आपने जरूर पढ़ी होंगी. ऐसा ही एक मामला अमेरिका से आया है. जहां, एक 47 वर्षीय महिला के सारे बाल और दांत सड़ कर धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं. इसके साथ ही इनकी महाधमनी वाल्व (Aortic Valve) बदलने की जरूरत है क्योंकि ये महिला लंबे समय तक जीना चाहती हैं. आपको बता दें कि इस महिला को एक लाख में एक इंसान को होने वाली बीमारी है, जिसके कारण उनकी उम्र औसत व्यक्ति की तुलना में 10 गुना तेजी से बढ़ती है, वे कहती है कि उम्र बढ़ना एक प्रिविलेज (privilege)है.
जानें क्या है ये सिंड्रोम
47 वर्षीय टिफ़नी वेडेकाइंड को 31 वर्ष की उम्र में हचिंसन-गिलफोर्ड प्रोजेरिया सिंड्रोम ('Hutchinson-Gilford Progeria Syndrome' ) का पता चला. यह एक दुर्लभ और घातक जन्मजात बीमारी है जिससे बच्चों में समय से पहले वृद्धावस्था आने लगती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा सख्त , हृदय और हड्डियों में समस्याएं, विकास रुकना, चेहरा 'पक्षी जैसा' दिखने लगता है. इसके साथ ही उसके बाल झड़ जाते हैं, चेहरा असामान्य रूप से विकसित होने लगता है और दांत सड़ जाते हैं. बालों का झड़ना, हड्डियों और जोड़ों में समस्याएं भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं.
खुद का संभाल रही बिजनेस
महिला ने बताया कि जब उनकी इस बीमारी का पता लगा तो वे पहले ही इस उम्र तक पहुंचकर सभी बाधाओं को पार कर चुकी थी, क्योंकि यह सिंड्रोम अधिकांश लोगों को किशोरावस्था में ही मार देता है. समय के साथ-साथ टिफ़नी के सारे प्राकृतिक बाल और दांत धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं और उसे एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic Stenosis)हो गया है. इस कंडिशन में वाल्व का सिकुड़ना शुरू हो जाता है. इसके साथ ही उन्हें एओर्टिक वाल्व को बदलने की ज़रूरत पड़ेगी. लेकिन वह कहती है कि इस बीमारी ने उन्हें पूरी ज़िंदगी जीने से नहीं रोका है. उन्होंने बताया कि उनका तलाक हो चुका है और वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोजाना योग करती हैं.
अमेरिका की टिफनी, जिनका अपना खुद का आर्टिस्ट स्टूडियो और मोमबत्ती कंपनी है. उन्होंने कहा- मेरी मृत्यु हर दिन मेरे सामने आती है, लेकिन मैं आधे समय भूल जाती हूं. महिला ने बताया कि "मैंने कई जन्म ऐसे जिए हैं, जिसकी मैंने कभी अपेक्षा नहीं की थी. मैं जानती हूं कि जीवन ऐसे ही समाप्त हो सकता है. आपको मृत्यु से डरने की ज़रूरत नहीं है. हम सभी एक ही नाव पर सवार हैं. टिफनी ने बताया कि मेरे सिर पर बाल नहीं है और मेरे मुंह के दांत भी जा चुके हैं. लोगों को यह देखने की जरूरत है कि मैं असल में कौन हूं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे बाल नहीं हैं.
बीमारी से भाई की हो चुकी है मौत
टिफ़नी और उसका भाई, 39 वर्षीय चाड, दोनों ही इस रोग के साथ पैदा हुए थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें पता लगा कि कुछ गड़बड़ है. वह एक "हाइपर किड" थी, जिसने बचपन में सभी खेलों और गतिविधियों में भाग लिया था. उन्होंने यह महसूस करना शुरू कर दिया कि उनके चेहरे की विशेषताएं बदल रही थीं - टिफ़नी के दांत सड़ रहे थे और 20 की उम्र तक उसके बाल पतले हो रहे थे. इस रोग की पहचान उनके छोटे कद से भी होती है, टिफ़नी की लंबाई मात्र 4 फीट 4 इंच है. उन्होंने बताया कि जब उनके भाई चाड की ओपन हार्ट सर्जरी की गई तब उनके भाई चाड, टिफनी और उसकी मां को 2008 में पता चला कि उन सभी में उत्परिवर्तन ( mutation) जीन था, जो प्रोजेरिया का कारण बनता है. 2011 में सेप्सिस और दिल के दौरे से उनका निधन हो गया. इसके बाद हाल ही टिफनी की मां लिंडा(75) की सितंबर 2024 में मौत मृत्यु हो गई.