
कई बार किसी को अचानक ही कुछ ऐसा मिल जाता है जो उसने सपने में भी नहीं सोचा होता है. मिशिगन के बेल्डिंग की 30 साल की ब्रिटनी कीच के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब एक दिन वह अपने घर के बाहर लगे मेलबॉक्स को चेक करने लगी. इसमें तमाम चिट्ठियों और बिल के अलावा उसे जो मिला उसे देखकर वह हैरान रह गई . ये एक पुराना सा दिख रहा पोस्टकार्ड था.
घर आई 100 साल पुरानी चिट्ठी
कीच ने बताया कि पहले तो मैंने इसपर खास ध्यान नहीं दिया लेकिन जब मैंने इसे नजदीक से देखा तो इसमें एक सेंट का जॉर्ज वाशिंगटन का स्टैंप था जिसपर 29 अक्टूबर 1920 की तरीख लिखी थी. यानी ये चिट्ठी लगभग 100 साल पुरानी थी. मैं स्तब्ध रह गई कि आखिर 100 साल पुरानी चिट्ठी अचानक मेरे पास कैसे पहुंच गई है.
पोस्टकार्ड पर बनी थी चुड़ैल और लिखा था...
कीच ने इसे पढ़ना चाहा तो इसमें हैलोवीन की तस्वीरें थी- एक काली बिल्ली, बत्तथ, एक कद्दू, एक चुड़ैल, एक झाड़ू और एक उल्लू. साथ ही इसमें पहेली सी लिखी थी-"Witch would you rather be . . . a goose or a pumpkin-head?" यानी "चुड़ैल क्या तुम... बत्तख बनना चाहोगी या कद्दू?"
'माँ के घुटने भयानक रूप से...'
जैसे ही कीच ने पोस्टकार्ड पर लिखे धुंधले अक्षरों को समझा ये किसी रॉय मैक्वीन का नाम पर था. आगे पढ़ने पर समझ आया कि ये लेटर परिवार के एक सदस्य द्वारा दूसरे को लिखा गया था. इसमें लिखा था- " डियर कजिंस ...हम बिल्कुल ठीक हैं लेकिन माँ के घुटने भयानक रूप से दुखते हैं. यहाँ बहुत अधिक ठंड है." लंबे खत के अंत में लिखा है- "हमें लिखना मत भूलना.'' पत्र पर फ्लॉसी बर्गेस के हस्ताक्षर हैं. कीच ने फैसला किया कि वह लंबे समय से खोए हुए पोस्टकार्ड को उस परिवार के पास पहुंचाएगी जिनके लिए इसे लिखा गया है.
'100 साल पहले यहां रहती थी मैक्वीन'
उन्होंने इसके लिए "पॉजिटिवली बेल्डिंग" नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट करके शुरुआत की. कीच की पोस्ट देखने के बाद पब्लिक लाइब्रेरी में काम करने वाले रॉबी पीटर्स ने उनकी मदद करने की कोशिश भी की. 1920 की जनगणना को छानते समय, पीटर्स ने पाया कि 100 साल पहले कीच के पते पर को मैक्वीन रहती थी और ये खत उसतक कभी पहुंचा ही नहीं. उसने कीच के साथ मिलकर मक्वीन की परपोती रॉय और नोरा को ढूंढ निकाला और उन्हें ये चिट्ठी सौंप दी गई.