Advertisement

'बार-बार खून से हुई लथपथ', महिला को लगातार 83 दिन आए पीरियड्स, डॉक्टर हैरान

एक महिला को लगातार 83 दिन तक पीरियड की समस्या से जूझना पड़ा. उसके लिए करीब तीन महीने बेहद दर्दनाक रहे. इस दौरान उसे इतनी ज्यादा ब्लीडिंग हुई कि खून चढ़ाने की नौबत आ गई. महिला जब इलाज के लिए डॉक्टर के पास गई तो उन्हें भी यकीन नहीं हुआ. महिला ने खुद आपबीती शेयर की है.

महिला को लगातार 83 दिन तक पीरियड की समस्या से जूझना पड़ा महिला को लगातार 83 दिन तक पीरियड की समस्या से जूझना पड़ा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

महिलाओं के लिए हर महीने होने वाले पीरियड्स तकलीफदेह होते हैं. आमतौर पर महिलाओं को ये 2 से 7 दिन तक इससे गुजरना होता है. लेकिन एक महिला ऐसी भी है, जिसे करीब तीन महीने तक लगातार पीरियड्स के दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ा. अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना की रहने वाली एक महिला को 83 दिनों तक पीरियड्स हुए. मामला इतना बिगड़ गया कि उसे खून चढ़ाने की जरूरत पड़ गई. ये महिला पेशे से लेखिका है और उनका नाम रॉनी माय है. रॉनी ने बताया कि इन 83 दिनों के दौरान उन्होंने किन मुश्किलों का सामना किया.

Advertisement

शुरुआत में रॉनी की बातें सुनने के बाद डॉक्टर भी यकीन नहीं कर पाए. उन्होंने इमरजेंसी रूम में उनसे पूछा, 'क्या आपको वाकई में उतनी ब्लीडिंग हुई है, जितनी आप कह रही हैं?' डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, रॉनी ने बताया कि उन्हें कई साल तक समय पर पीरियड्स नहीं हुए थे, फिर साल 2015 में पीसीओएस हो गया. उन्हें वैसे तो हमेशा से ही पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा ब्लीडिंग होती थी, लेकिन 2018 में एक दिन वह अपने डेस्क से उठीं और खुद को खून से लथपथ पाया.

एक घंटे में पैड का पूरा पैकेट खत्म किया

पीसीओएस में हार्मोन इम्बैलेंस के कारण गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है, जिसके कारण लंबे समय तक हैवी पीरियड्स होते हैं. रॉनी ने कहा कि वह जब अपने बाथरूम से डेस्क तक चलकर गईं तो उतने ही समय में उनके पैरों पर खून बहने लगा. इसके बाद वह दफ्तर से घर आईं और एक घंटे में टैम्पॉन का पूरा बॉक्स और पैड का पूरा पैकेट इस्तेमाल कर लिया. वह दर्द कम करने के लिए हीटिंग पैड इस्तेमाल करने लगीं लेकिन किसी भी चीज से ब्लीडिंग कम नहीं हो रही थी. इसके बाद उनके पास अस्पताल जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. 

Advertisement

अस्पताल में तमाम उपाय करने के बाद रॉनी को राहत मिली. फिर डॉक्टर ने उनसे यही सवाल पूछा कि क्या वाकई में आपको इतनी ब्लीडिंग हो रही है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'एक अश्वेत महिला होने के नाते, डॉक्टरों को मेरी बात पर यकीन नहीं होता है.' वह घर जाने से डर रही थीं इसलिए उन्हें दो हफ्ते तक अस्पताल में रुकना पड़ा. इस दौरान रॉनी को कई बार पैनिक अटैक आए. उनका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया. उन्हें खून चढ़ाने की जरूरत भी पड़ी. उन्हें बाद में एक सर्जिकल प्रोसीजर तक से गुजरना पड़ा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement