
आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल मैच का जो नतीजा रहा, उसे देख पूरे भारत का दिल टूट गया. बड़ा हो या बच्चा सभी भावुक दिखाई दिए. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को हरा दिया. ये मुकबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हो रहा था. ऑस्ट्रेलिया ने लगातार छठी बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम कर ली. मैच खत्म होने के बाद बेशक स्टेडियम में मौजूद भीड़ भी उदास हो गई. लेकिन इस भीड़ ने जैसा व्यवहार किया, उसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग काफी गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.
भीड़ ने खिलाड़ियों के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया. लोगों ने अहमदाबाद स्टेडियम में मौजूद भीड़ की तुलना भारत के अन्य स्टेडियम एडन गार्डन और वानखेड़े की भीड़ से की है. यहां लोगों में गेम के प्रति सच्ची भावना देखी गई. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस बात को भी गलत बताया जब गेम ऑस्ट्रेलिया के पाले में जाने के बाद भीड़ ने चुप्पी साध ली थी.'
प्रड्यूसर अतुल कासबेकर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'अहमदाबाद की भीड़ के लिए आखिरी शब्द कहूंगा... बकवास. रात में दिखावा करने वालों के बजाय स्टेडियम के अंदर उचित फैंस की आवश्यकता होती है.'
उन्होंने कहा, 'वानखेड़े के लोगों की तरह, उचित फैंस की. जिन्होंने कैच छूटने के बाद भी टीम का हौसला बढ़ाया, खासकर शमी का. लगातार उनके नाम को पुकारते रहे. उनका और टीम का हौसला बढ़ाया. उन्हें ऊर्जावान बनाया, जब कीवी टीम परेशान दिख रही थी तब भी उनका हौसला बढ़ाया. तब शमी ने 7 विकेट लिए थे. इससे पहले वर्ल्ड कप (2011) का फाइनल जब मुंबई में हुआ था, तब हम जीते थे. अपनी जगह का चुनाव समझदारी से करें.
कासबेकर ने आगे कहा, 'मुझे माफ करें लेकिन भीड़ का बेहतर होना जरूरी है. इससे फरक नहीं पड़ता कि आपकी टीम टॉप पर नहीं है. आपको उनके पीछे खड़ा रहना चाहिए. एशेज क्रिकेट सीरीज मुझे याद है, जब लोग स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन के लिए चीयर कर रहे थे, जबकि वो विकेट भी नहीं ले रहे थे. घर में मैच होने की यही अहमियत है.' एक अन्य यूजर ने कहा कि मैच खत्म होने के बाद लोग तुरंत स्टेडियम से चले गए. उन्होंने मैच प्रेजेंटेशन सेरेमनी का भी इंतजार नहीं किया. वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत ने 240 रन बनाए थे. जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम 6 विकेट से जीत गई.