
आज हम आपको दुनिया की ऐसी शापित गुड़िया के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे न जाने कितने ही लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई. जिस किसी ने भी इस गुड़िया को अपने पास रखा. उसके साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. तो चलिए जानते हैं इस शापित गुड़िया की पूरी कहानी...
यह गुड़िया फ्लोरिडा (Florida) में रहने वाले बच्चे रॉबर्ट यूजीन ओटो (Robert Eugene Otto) को 1906 में उसके नौकर ने दी थी. बताया जाता है कि वह नौकर काला जादू जानता था. वह रॉबर्ट यूजीन के परिवार को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था. उस नौकर ने आपसी रंजिश के चलते इस डॉल पर काला जादू कर दिया. फिर उस गुड़िया को रॉबर्ट को दे दिया.
गुड़िया को बेस्ट फ्रेंड मानता था रॉबर्ट
इस गुड़िया को पाकर छोटा-सा रॉबर्ट काफी खुश हुआ. जल्द ही उसने इस गुड़िया को अपना बेस्ट फ्रेंड मान लिया. वह पूरा दिन गुड़िया को अपने पास ही रखता. यहां तक कि उसी के साथ खेलता और रात को भी उसी के साथ सोता था. कहा जाता है कि रॉबर्ट इस गुड़िया को हर हफ्ते शॉपिंग के लिए भी लेकर जाता और उसके कमरे में गुड़िया के लिए अलग से कुछ अलमारियां भी बनी हुई थीं. इन अलमारियों में गुड़िया के लिए रॉबर्ट ने कपड़े खरीद कर रखे थे. रॉबर्ट रोज गुड़िया को नए-नए कपड़े पहनाता था.
गुड़िया को असली इंसान मानने लगा रॉबर्ट
लेकिन जल्द ही हालात बदलने वाले थे. रॉबर्ट गुड़िया के लिए इस हद तक पागल था कि वह उसे असल इंसान मानने लगा. तभी उसने ध्यान दिया कि घर से धीरे-धीरे चीजें गायब हो रही हैं. अक्सर रॉबर्ट का कमरा उथल-पुथल हालत में पाया जाता था. जब रॉबर्ट अपने माता पिता से कहता था कि उस गुड़िया ने कमरे में सब उथल पुथल कर दिया है, तो उसकी बात पर कोई भी यकीन नहीं करता था. माता-पिता ने रॉबर्ट को इसके लिए कई बार डांटा भी. लेकिन हर बार रॉबर्ट का सिर्फ एक ही जवाब होता कि ये सब वो गुड़िया करती है.
रॉबर्ट को घूरने लगी गुड़िया
तभी एक दिन रात के समय रॉबर्ट ने देखा कि गुड़िया उसके साथ न सोकर सामने बैठी है और उसे लगातार घूर रही है. यह देखते ही रॉबर्ट के पसीने छूट गए. उसने देखा कि कमरे में रखी कुर्सियां अपने आप हवा में उड़ने लगी हैं. दरवाजा अपने आप कभी खुल रहा है तो कभी बंद हो रहा था. यह सब देखते ही रॉबर्ट के मुंह से चीख निकल गई. रॉबर्ट की चीख सुनकर उसके माता-पिता फौरन कमरे में आए. उन्हें लगा कि शायद घर में कोई चोर घुस आया है. या फिर कोई किडनैपर उनके बच्चे को किडनैप करने की कोशिश कर रहा है. जैसे वे भागकर रॉबर्ट के कमरे में गए तब तक सब शांत हो चुका था. रॉबर्ट कमरे के एक कोने में डरा-सहमा से बैठा हुआ था. वहीं, कमरे में चीजें यहां वहां बिखरी हुई थीं. और गुड़िया भी उसी बैठ पर बैठी हुई थी.
पड़ोसी बोले- घर में घूमती है गुड़िया, करती है बातें
ये सब होने के बाद न जाने रॉबर्ट को क्या हुआ, उसका प्यार गुड़िया के लिए और ज्यादा बढ़ गया. वह दिन भर उस गुड़िया के साथ अकेले में बातें करता रहता. उनके पड़ोसियों ने भी बताया कि उन्होंने कई बार रॉबर्ट को उस गुड़िया से बात करते हुए देखा है. वह गुड़िया भी उस बच्चे से बात करती है. यही नहीं, उन लोगों ने उस गुड़िया को घर के अंदर घूमते हुए भी देखा है, जब उस घर में कोई नहीं होता.
कमरे से आने लगी अजीबोगरीब आवाजें
अब रॉबर्ट के माता-पिता को उसके कमरे से रोज अजीबोगरीब आवाज आने लगी. यह आवाज किसी बड़े व्यक्ति के जैसी होती थी. आवाज सुनकर जैसे ही रॉबर्ट के माता-पिता उसके कमरे में जाते तो उन्हें कमरे में सिर्फ रॉबर्ट और गुड़िया मिलती. जब वे उस आवाज के बारे में रॉबर्ट से पूछते तो वह सीधे उस गुड़िया की तरफ इशारा कर देता. उसने बताया कि कई बार गुड़िया गुस्सा हो जाती है और कमरे में रखा फर्नीचर फेंकने लगती है. इसी बीच, रॉबर्ट के खिलौने भी अब टूटी फूटी हालत में मिलने लगे. जब दोबारा रॉबर्ट से इस बारे में पूछा गया तो फिर उसने गुड़िया की तरफ इशारा कर दिया.
पड़ोसियों के साथ भी होने लगीं अजीबोगरीब घटनाएं
ऐसी डरावनी घटनाएं लगातार होती गईं. रॉबर्ट के घर ही नहीं, बल्कि अब उनके पड़ोसियों के साथ भी अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं. उनके घर का सामान भी अब इसी हालत में बिखरा हुआ मिलने लगा. धीरे-धीरे इस गुड़िया के बारे में पूरे शहर में पता लग गया. जब खबर ज्यादा फैलने लगी तो रॉबर्ट के माता-पिता भी परेशान हो गए.
नए घर में गुड़िया को ले गया रॉबर्ट
फिर एक दिन रॉबर्ट के माता-पिता ने उस गुड़िया को एक बॉक्स में डालकर घर के एक कोने में रख दिया, जिसके बाद इस तरह की घटनाओं का सिलसिला थम गया. इसके बाद रॉबर्ट भी धीरे-धीरे बड़ा हुआ और पढ़ाई के लिए वह न्यूयॉर्क चला गया. फिर पढ़ाई पूरी करके वह पैरिस आया. यहां उसकी एक गर्लफ्रेंड बनी, जिससे उसने शादी कर ली. दोनों शादी करने के बाद वापस अमेरिका आ गए. रॉबर्ट ने पुराने घर से सारी चीजें उठाईं और पत्नी के साथ एक नए घर में शिफ्ट हो गया. जो चीजें रॉबर्ट ने घर से उठाई थीं, उनमें वह गुड़िया शामिल थी.
गुड़िया के लिए बनवाया अलग से कमरा
रॉबर्ट तब भी उस गुड़िया को भूला नहीं था. उसने नए घर में गुड़िया के लिए एक कमरा तक बना दिया. उस कमरे में खूब सारे खिलौने भी रखे थे. रॉबर्ट पत्नी को कहता कि ये खिलौने उस गुड़िया के लिए रखे हैं. जब पत्नी को ये सब पता चला तो कुछ ही समय में वह भी रॉबर्ट की हरकतों से परेशान हो गई. उसने लगने लगा जैसे पति के नाम पर उसे कोई बच्चा मिल गया है. उसने रॉबर्ट से विनती की कि उस गुड़िया को कमरे से बाहर न निकाले. जब भी रॉबर्ट गुड़िया से मिलने जाता तो उसकी पत्नी कहती कि वह कमरा बंद करके उस गुड़िया से मिले.
पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने की शिकायत
इसी बीच फिर से गुड़िया की वही हरकतें देखने को मिलने लगीं. वह कभी दूसरे कमरे में तो कभी किसी खिड़की पर बैठी दिखती. खिड़की में गुड़िया को इस तरह बैठा देख वहां से गुजरने वाले लोग भी परेशान होने लगे. यहां तक कि रॉबर्ट के रिश्तेदार भी उसे कहने लगे कि जब वे उसके घर आते हैं तो उन्हें वहां किसी के चलने की आवाजें आती हैं. जबकि रॉबर्ट को इस तरह की कभी कोई आवाज सुनाई नहीं देती. कहा जाता है कि रॉबर्ट गुड़िया की इन हरकतों का आदी हो चुका था. इसलिए उसे ये सब चीजें नॉर्मल लगती थीं.
दूसरे परिवार को मिल गई गुड़िया
ऐसे ही समय बीतता गया. फिर 1974 में रॉबर्ट की मृत्यु हो गई. इसके बाद इस घर को एक दूसरे परिवार ने खरीद लिया. उस परिवार में रहने वाली एक छोटी बच्ची ने जब गुड़िया को देखा तो उसे बॉक्स से निकालकर अपने पास रख लिया. एक बार फिर से घर में डरावनी चीजें होने लगीं. उस बच्ची ने बताया कि ये गुड़िया जिंदा है और उसे जान से मार देना चाहती है.
फ्लोरिडा के म्यूजियम को डोनेट की गुड़िया
इन घटनाओं से डरकर उस बच्ची के माता-पिता ने 1994 में उस गुड़िया को फ्लोरिडा के ईस्ट मार्टेलो म्यूजियम में डोनेट कर दिया (East Martello Museum). लेकिन यहां भी गुड़िया की डरावनी हरकतों का सिलसिला जारी रहा. दरअसल, गुड़िया को म्यूजियम के अंदर एक शीशे के डिब्बे में रखा था.
कई बार गुड़िया को छोड़ म्यूजियम की बाकी सारी चीजें यहां वहां बिखरी मिलतीं. रात के समय तो म्यूजियम से बच्चे के रोने की आवाजें तक आने लगीं. म्यूजियम के पास रहने वाले लोगों ने इसी शिकायत म्यूजियम वालों से की. बाद में म्यूजियम के लोगों ने गुड़िया के लिए एक अलग से स्पेशल कैबिन बनाया जिसमें आज भी वह गुड़िया मौजूद है.
'द सन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जाता है कि जो भी शख्स इस गुड़िया की इजाजत के बिना इसकी फोटो खींचता है, उस शख्स को ये गुड़िया शाप दे देती है और उस शख्स की जिंदगी में डरावनी घटनाओं का आगमन हो जाता है.
बिना इजाजत फोटो लेना शख्स को पड़ा भारी
'न्यूयॉर्क पोस्ट' की एक खबर के मुताबिक, TripAdvisor यूजर हॉवर्ड आरके को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था. हॉवर्ड ने बताया कि साल 2009 में उन्होंने रॉबर्ट द डॉल की परमिशन के बिना उसकी फोटो लेनी चाही. उन्होंने गुड़िया की 50 से ज्यादा फोटो लीं. लेकिन जब उन्होंने कैमरा चेक किया तो सारी तस्वीरें डिलीट हो चुकी थीं. हॉवर्ड ने बताया कि वे लोग दोबारा म्यूजियम में गए. उन्होंने उसका वीडियो बनाया. तब भी उन्होंने गुड़िया से परमिशन नहीं मांगी. जब घर आकर देखा तो डिस्क ब्लैंक थी.
हॉवर्ड ने बताया, ''उसके बाद मेरे साथ घर में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं. रात को डरावनी आवाजें आती थीं. ये सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा. मैं बस यहीं कहूंगा कि जिसे भी गुड़िया के साथ फोटो खिंचवानी हो, पहले वह गुड़िया से परमिशन ले. फिर उसकी फोटो ले.''