
अमेरिका में इस समय राष्ट्रपति चुनाव के लिये वोटों की गिनती चल रही है. काउंटिंग के बीच रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डबल बूस्टर मिल गया है. फॉक्स न्यूज ने डोनाल्ड ट्रंप की जीत का ऐलान कर दिया है. ट्रंप ने शुरू से ही इलेक्टोरल कॉलेज में लीड बना रखी है. वह 240 सीटों पर आगे चल रहे हैं तो वहीं अब उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के दबदबे वाले वेस्ट वर्जीनिया और ओहायो में रिपब्लिकन पार्टी की जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी ने सीनेट में भी बहुमत हासिल कर लिया है.
जानें 7 स्विंग स्टेट्स का हाल
जॉर्जिया: ट्रंप जीते
पेंसिल्वेनिया: ट्रंप आगे
नॉर्थ कैरोलिना: ट्रंप जीते.
मिशिगन: कमला हैरिस आगे.
विस्कॉन्सिन: डोनाल्ड ट्रंप आगे.
एरिजोना: ट्रंप आगे चल रहे हैं.
नेवादा: ट्रंप आगे.
कैसे तय होता है राष्ट्रपति?
अमेरिका का राष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया है, जिसमें सभी राज्यों के नागरिक इलेक्टोरल कॉलेज के कुछ सदस्यों के लिए वोट करते हैं. इन सदस्यों को इलेक्टर्स कहा जाता है. ये इलेक्टर्स इसके बाद प्रत्यक्ष वोट डालते हैं जिन्हें इलेक्टोरल वोट कहा जाता है. इनके वोट अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए होते हैं. ऐसे उम्मीदवार जिन्हें इलेक्टोरल वोट्स में बहुमत मिलता है राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं.
समझ लीजिए, कुल 538 सीटों पर चुनाव का विजेता वह उम्मीदवार होता है जो 270 या उससे अधिक सीटें जीतता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वही राष्ट्रपति बन जाए. यह संभव है कि कोई उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट जीत ले लेकिन फिर भी वह इलेक्टोरल कॉलेज की ओर से जीत नहीं पाए. ऐसा मामला 2016 में सामने आया था, जब हिलेरी क्लिंटन इलेक्टोरल कॉलेज की ओर से नहीं जीत पाई थीं.