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121 मौतें, 17 गुनहगार और बाबा फरार... हाथरस भगदड़ कांड की जांच में अब तक क्या-क्या हुआ खुलासा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से लाशों का अंबार लग गया है. अब तक 121 लोगों की जान चली गई है. यह आंकड़ा बढ़ सकता है. सरकारी अस्पताल के अंदर बर्फ की सिल्लियों पर सैकड़ाभर शव पड़े हुए हैं. पोस्टमॉर्टम के बाद इन शवों को परिजनों को सौंपा जा रहा है. उसके बाद अंतिम संस्कार होगा. हादसे के बाद सुख के सपने दिखाने वाला बाबा फरार है. 24 घंटे बाद भी पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी है.

हाथरस कांड के बाद नारायण साकार उर्फ भोले बाबा फरार चल रहा है. हाथरस कांड के बाद नारायण साकार उर्फ भोले बाबा फरार चल रहा है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

यूपी के हाथरस में भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई. सवाल उठ रहा है कि इस हादसे का गुनहगार कौन है? सत्संग के आयोजक से लेकर प्रशासन तक कठघरे में खड़ा है. 24 घंटे बाद भी घटना के गुनहगार फरार हैं. खुद बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा लापता है. उसके बारे में किसी को कोई खबर नहीं है. मुख्य सेवादार और आयोजन समिति का प्रभारी देव प्रकाश का मधुकर भी अब तक पुलिस के हाथ नहीं आया है. पुलिस एफआईआर में देव प्रकाश को मुख्य आरोपी बनाया गया है. 

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घटना सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव की है. यहां मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति ने 150 बीघा के खुले मैदान (खेत) में सत्संग आयोजित किया था. पुलिस एफआईआर के अनुसार, 80 हजार लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति ली गई और तीन गुना ज्यादा यानी ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटा ली गई. व्यवस्थाएं भी खुद बाबा के सेवादार और आयोजन समिति से जुड़े लोग संभाले हैं. पुलिस के सिर्फ 40 जवान मौके पर थे. जो लोग मारे गए हैं, वे धार्मिक उपदेशक भोले बाबा के 'सत्संग' में शामिल होने पहुंचे थे. फिलहाल, सरकारी अस्पताल के अंदर बर्फ की सिल्लियों पर शव पड़े हुए हैं. पीड़ितों के रिश्तेदार रोते-बिलखते देखे जा रहे हैं. ये लोग शवों को घर वापस ले जाने के लिए अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं. 

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किस पर एफआईआर दर्ज हुई?

FIR में बाबा को आरोपी नहीं बनाया गया है. मुख्य आरोपी आयोजक और सेवादार देवप्रकाश मधुकर है..दूसरे नंबर पर अन्य आयोजक और अन्य सेवादार आरोपी हैं. किसी का नाम नहीं है. देवप्रकाश सिकंदराराऊ का रहने वाला है. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. सवाल है कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है? कैसे 80 हजार की इजाजत में 2.5 लाख लोग आ गए? क्या प्रशासन को इसकी भनक नहीं थी. क्या ऐसे हादसे का इंतजार किया जा रहा था?

कहां हैं बाबा नारायण साकार हरि?

मंगलवार को भगदड़ के बाद से कहा जा रहा है कि बाबा भूमिगत हैं. यानी वो कहां हैं, इसके बारे में पुलिस को कुछ नहीं पता है. मैनपुरी में 'राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट' आश्रम में पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया है. वहां जांच जारी है. मंगलवार रात पुलिस मैनपुरी आश्रम पर नारायण साकार हरि की तलाश में पहुंची थी, लेकिन डीएसपी सुनील कुमार सिंह के मुताबिक, वहां बाबा नहीं मिले. पुलिस के पहुंचने के थोड़ी देर पहले आजतक ने आश्रम के सेवादार से बात की थी. सेवादार का कहना है कि बाबा के फरार होने की गलत खबरें फैलाई जा रही हैं. बाबा आश्रम में ही हैं. मैनपुरी के DSP सुनील कुमार सिंह कहते हैं कि हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले. वे यहां नहीं हैं. बाबा का मैनपुरी के बिछवा में ये आश्रम 30 एकड़ में फैला हुआ है. नारायण साकार हरि यहां साप्ताहिक सभाएं आयोजित करते हैं, जिसमें काफी भीड़ उमड़ती है. 

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आज आगरा में होना था बाबा का सत्संग

बाबा एटा जिले के बहादुरनगर गांव के रहने वाले हैं. बाबा का असली नाम सूरजपाल है. पहले पुलिस की नौकरी की. लेकिन जब मन नहीं लगा तो नौकरी छोड़ दी और सत्संग करने लगे. बाबा का एक आश्रम बहादुर नगर में भी है और यहां प्रतिदिन हजारों भक्त पहुंचते हैं. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी बाबा के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. बाबा और उनके अनुयायी सोशल मीडिया से दूरी बनाकर चलते हैं. बाबा नारायण साकार हरि का आज आगरा में भी सत्संग होना था. नारायण साकार के कासगंज के पास घर है. घटना के एक चश्मदीद का बयान आया है. उसने बताया कि भगदड़ के बाद से कई लोग गायब हैं. प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है.

हाथरस कांड के 17 गुनहगार कौन हैं?

आजतक के पास सत्संग कार्यक्रम की ड्यूटी शीट है. मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सत्संग प्रभारी था और उसी ने पूरे आयोजन के लिए 17 सदस्यीय कोर कमेटी गठित की थी. इस कमेटी में शामिल लोग ही अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे थे. घटना के बाद से देव प्रकाश फरार है. पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है. देव प्रकाश के साथ कमेटी में शामिल दो-तीन अन्य सदस्य भी फरार हैं. सूत्रों का कहना है कि पुलिस भगदड़ की ना सिर्फ वजह जानने में जुटी है, बल्कि आयोजन की खामियां भी चिह्नित कर रही है. इसके अलावा, कमेटी में जिन 17 सदस्यों को जिम्मेदारियां दी गई थीं, उनकी भूमिका के बारे में भी पता कर रही है. पुलिस की जांच सबूतों को नष्ट करने में संभावित संलिप्तता के इर्द-गिर्द भी घूम रही है. एफआईआर में भी इसका जिक्र किया गया है. 

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मंगलवार को जब घटना हुई, तब कमेटी में शामिल सभी 17 लोग मौके पर मौजूद थे. कमेटी के सदस्य मेघ सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है. इसके अलावा ड्यूटी शीट से पता चलता है कि कमेटी के सदस्यों को भीड़ मैनेजमेंट से लेकर जल सेवा, पार्किंग ड्यूटी आदि तक सौंपी गई थीं. सरकार ने जो जांच कमेटी गठित की है, उसमें एडीजी आगरा जोन, कमिश्नर अलीगढ़ हैं. दोनों अफसरों ने मौके पर पहुंचकर वीडियो फुटेज जुटाए हैं और लोगों से भी घटना के संबंध में जानकारी ली है.

क्यों हो गया हादसा...

शुरुआती जांच में सामने आया कि बाबा के चरणों की धूल के लिए श्रद्धालु उमड़े पड़े और गहरे गड्ढे में एक के ऊपर एक गिरते चले गए. गर्मी-उमस और संकरे रास्ते में कई बेहोश हो गए. चीख-पुकार मच गई. जिन लोगों ने भागने की कोशिश की, वो खेत के गड्ढे में गिर कर दबते चले गए. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. एफआईआर में कहा गया कि आयोजन कमेटी ने लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाया है. आयोजन कमेटी ने अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया है, जिसके कारण जीटी रोड पर ट्रैफिक अवरुद्ध हो गया. ड्यूटी पर तैनात पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्थाएं सामान्य करने में जुटे थे, तभी कार्यक्रम के उपरांत दोपहर करीब दो बजे मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा अपनी गाड़ी में सवार होकर निकले. इस बीच, श्रद्धालुजन (महिला, पुरुष और बच्चे) पीछे से दौड़ने लगे और बाबा की गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना (चरण रज) शुरू कर दिया. श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके श्रद्धालु कुचलने लगे. चीखपुकार मच गई. जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भीड़ में शामिल लोग गिरने और कुचलने लगे. आयोजन समिति और सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए डंडे से जबरदस्ती भीड़ को रोक दिया, जिसके कारण लाखों की भीड़ का दबाव बढ़ता गया और महिला, पुरुष और बच्चे दबते कुचलते चले गए.

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सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहुंचा मामला

हाथरस में भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच कराने की गुहार लगाई गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी याचिका भेजी गई है और सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है.

सीएम योगी हाथरस पहुंचे...

सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे. उन्होंने यूपी के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के साथ हाथरस में बैठक की. घटना के संबंध में जानकारी ली. उसके बाद सीएम अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मिलने भी पहुंचे. मृतकों पर सियासत को सीएम योगी ने निंदनीय बताया और कहा, जांच में ये भी देखा जाएगा कि ये हादसा है या कोई साजिश. मंगलवार को सीएम योगी ने 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी थी. एक दिन पहले ही दो मंत्रियों को भी मौके पर भेजा गया था.

LIU की रिपोर्ट के आधार पर लिया जा सकता है एक्शन

सूत्रों का कहना है कि हाथरस हादसे को लेकर LIU की रिपोर्ट मांगी जा सकती है. रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. दुर्घटना पर आयोजन समिति और चश्मदीदों का कहना है कि कार्यक्रम में एक लाख 1.5 लाख श्रद्धालु मौजूद थे. पुलिस एफआईआर में ढाई लाख की भीड़ होने का दावा किया गया है. NDRF की टीम लगातार घटनास्थल पर है. प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. 

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एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि बाबा की गाड़ी निकली तो उसके पीछे भक्त पैर छूने के लिए भागे थे, तभी भगदड़ मच गई. चश्मदीद का कहना है कि गिरे लोगों को उठाने के लिए जब लोग गए तो बाबा के सेवादारों ने रोक दिया. वीडियो बनाने वालों के सेवादारों ने फोन छीन लिए. 

अखिलेश बोले- घटना के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, हाथरस हादसे के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है. प्रशासन ना तो भीड़ का आंकलन कर सका. ना हादसे के बाद एंबुलेंस और इलाज की समुचित व्यवस्था कर सका. अखिलेश ने सीएम योगी के हाथरस दौरे पर सीधा हमला किया और कहा, सीएम के हाथरस जाने से पीड़ितों का दुख कम नहीं हो जाएगा. बाबा की गिरफ्तारी से जुड़े सवाल पर अखिलेश ने कहा, किस बाबा की गिरफ्तारी कराऊं. यहां दो बाबा हैं. अखिलेश का कहना था कि उच्च स्तरीय जांच से कुछ नहीं होने वाल है. केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी सरकार है. उन्होंने सवाल किया कि भीड़ बढ़ती देख कर प्रशासन सचेत क्यों नहीं हुआ?

घटना पर राष्ट्रपति से लेकर पीएम तक ने दुख जताया

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हाथरस की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दुख जताया था और सीएम योगी से फोन पर हादसे की पूरी जानकारी ली थी. राज्य और केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की और हाथरस हादसे को लेकर जानकारी ली. शाह ने घटना पर दुख जताया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी घटना पर संवेदना जताई. श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा शोक जताया है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक्स पर पोस्ट कर संवेदना जताई. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी दुख जताया और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की.

बाबा के बारे में जानिए...

नारायण साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वे यूपी पुलिस विभाग में पदस्थ रहे हैं. नौकरी में मन नहीं लगा तो आध्यात्म की ओर मुड़ गए. सूरजपाल का एटा जिले के बहादुरनगर गांव में जन्म हुआ. कुछ ही समय में नारायण सरकार हरि के बड़ी संख्या में अनुयायी हो गए. बाबा के सत्संग में विशेषकर महिलाएं गुलाबी कपड़े पहनकर आती हैं और उन्हें भोले बाबा के नाम से पुकारती हैं. भोले बाबा की पत्नी को माताश्री कहा जाता है. सत्संग में दोनों एक साथ बैठते हैं. बाबा सत्संग मंच पर सफेद सूट पहनकर आते हैं. जूते भी सफेद ही पहनते हैं. 

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