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UP: झांसी जिला कारागार में बंद 14 कैदी एचआईवी संक्रमित, 75 से अधिक अन्य बीमारियों से ग्रस्त

झांसी जिला कारागार में बंद 14 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं. हालांकि, यह लक्षण शुरुआती दौर के हैं. मामला सामने आते ही जेल प्रशासन ने एचआईवी संक्रमित कैदियों के उपचार की विशेष व्यवस्था कराई है. जानकारी के मुताबिक, झांसी जिला कारागार में 536 कैदियों को रखने की क्षमता है. इसके बावजूद यहां लगभग एक हजार 600 कैदी बंद हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
अमित श्रीवास्तव
  • झांसी,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के झांसी जिला कारागार में बंद 14 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं. जानकारी सामने आने के बाद से जेल में हड़कंप मचा हुआ है. जेल प्रशासन ने एचआईवी संक्रमित सभी बंदियों की उपचार की विशेष व्यवस्था कराई गई है. इनके अलावा जेल में बंद 75 से अधिक कैदी अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं. इनका भी इलाज चल रहा है.

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जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों हुई जांच के बाद जिला कारागार में 14 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए थे. हालांकि, यह लक्षण शुरुआती दौर के हैं. यह बीमारी कैदी को जेल में आने से पहले की है. मगर, अब इनका इलाज जेल प्रशासन को करना पड़ रहा है. इसके साथ ही कैंसर के 3, क्षयरोग के 12, शुगर के 22 और ब्लड प्रेशर के 24 कैदी मरीज हैं.

एक कैदी की बाईपास सर्जरी और दूसरे कैदी की दिल का ऑपरेशन कराया जाना प्रस्तावित है. उसके इलाज के लिए शासन से अनुदान मांगा गया है. सरकार की तरफ से रुपये आते ही दिल का ऑपरेशन करा दिया जाएगा. वहीं, कैंसर पीड़ित कैदियों का इलाज भी कानपुर मेडिकल के डॉक्टरों से कराया जा रहा है.

झांसी जिला कारागार में 536 कैदियों को रखने की क्षमता

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झांसी जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया, "झांसी जिला कारागार  में 536 कैदियों को रखने की क्षमता है. इसके बावजूद यहां लगभग एक हजार 600 कैदी बंद हैं. उनका हर चौथे दिन स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. इसके अलावा सप्ताह में दो बार होम्योपैथी और आयुर्वेद के चिकित्सक भी जांच की जाती है."

उन्होंने आगे बताया, "जेल के अंदर भी अस्पताल है, लेकिन चिकित्सक की नियमित रूप से नियुक्ति न होने से मरीजों का इलाज जिला चिकित्सालय से आने वाले डॉक्टर द्वारा किया जाता है. वर्तमान में बीमार कैदी की संख्या 75 से अधिक है. इन कैदियों के उपचार के लिए जेल अस्पताल, जिला अस्पताल, कानपुर और लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में रोगों के विशेष चिकित्सक द्वारा किया जाता है."

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