
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी होगी. अतीक 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण कांड में मुख्य आरोपी है. इस केस में कोर्ट सुनवाई पूरी कर चुका है. आज कोर्ट दोष सिद्ध और सजा भी सुना सकता है. जज डीसी शुक्ला की कोर्ट ने अतीक को 28 मार्च को सुबह 11 बजे पेश करने का आदेश दिया था, जिसके बाद यूपी पुलिस उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से लेकर सोमवार शाम प्रयागराज पहुंची. अतीक को नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया. अतीक के अलावा उसके भाई अशरफ समेत अन्य आरोपियों की भी कोर्ट में पेशी होगी. पुलिस की चार्जशीट में 11 आरोपियों का जिक्र है.
बता दें कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था. इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था. उमेश का 28 फरवरी 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था. उसके साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी दी गई थी. उमेश ने आरोप लगाया कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया.
एक साल बाद उमेश ने दर्ज कराई थी शिकायत
एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जज डीसी शुक्ला ने 23 मार्च को अतीक को पेश करने के लिए आदेश जारी किया था.
तब उमेश ने FIR में क्या कहा था...उमेश उस समय जिला पंचायत सदस्य थे और अतीक अहमद सांसद थे. उमेश ने शिकायत में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ अहमद, दिनेश पासी, अंसार, सौकत हनीफ को नामजद किया था. इसके साथ चार अन्य अज्ञात पर आरोप लगाए थे. उमेश ने बताया था कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत अन्य आरोपी हैं और वो खुद इस केस का मुख्य गवाह है.
उमेश ने अपनी शिकायत में कहा था, कोर्ट में गवाही देने पर मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद की लैंड क्रूजर कार समेत एक अन्य वाहन ने मेरा रास्ता रोक लिया और घेरा लिया. उस कार से दिनेश पासी, अंसार बाबा और अन्य शख्स उतरा. उन्होंने मुझ पर पिस्तौल तान दी और कार में खींच लिया. इस कार के अंदर अतीक अहमद और तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे. इन लोगों ने मारपीट की और चकिया स्थित अपने दफ्तर लेकर पहुंचे. वहां एक शख्स मेरी बाइक लेकर आया. मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया और मारपीट की गई. करंट के झटके लगाए.
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'बयान बदलो, वरना परिवार समेत मार देंगे'
आरोपियों का कहना था कि राजू पाल हत्याकांड में बयान बदल लो, वरना परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी. अतीक ने अपने वकील खान हनीफ से लेकर पर्चा लेकर मुझे दिया और कहा कि इसको पढ़कर रट लो. कल अदालत में यही बयान देना है. वरना तुम्हारी बोटी-बोटी काटकर कुत्तों को खिला दूंगा. सांसद ने उसी रात अपने गुर्गों को मेरे घर भेजा और धमकाया कि तुम लोग पुलिस को टेलीफोन ना करना, वरना उमेश की हत्या कर दी जाएगी. मुझे रातभर कमरे में बंद करके प्रताड़ित किया गया.
उमेश के मुताबिक, सुबह अतीक और उसके साथी मुझे गाड़ी में बैठाकर ले गए. आरोपियों ने कहा कि कल रात जो पर्चा में लिखकर दिया था, उसे कोर्ट में जाकर पढ़ देना. नहीं तो घर लौटकर नहीं जा पाओगे. उस समय पीड़ित डर गया और परिवार की सलामती के लिए वही कहा, जो अतीक ने पर्चे में लिखकर दिया था.
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'अतीक ने मजबूरी का फायदा उठाया...'
उमेश ने शिकायती पत्र में आगे लिखा- इससे पहले मैंने हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए एक रिट दायर की थी. सुरक्षा समिति ने भी मेरी जान को खतरा बताया. लेकिन मुझे 100 प्रतिशत भुगतान पर गार्ड देने की बात कही गई. मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मैं पैसों का भुगतान कर सकूं. मेरी मजबूरी का सांसद अतीक अहमद ने फायदा उठाया और मुझे अदालत में झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया. मुझे यह भी पता चला कि अतीक ने अन्य लोगों से भी अदालत में झूठे बयान करवाए हैं. प्रार्थना है कि मेरे साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कर अदालत में दिए गए बयान को असत्य समझा जाए. मेरी और मेरे परिवार की जान माल की हिफाजत की जाए.
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'गवाह उमेश पाल की भी गोली मारकर हत्या'
राजू पाल हत्याकांड केस की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इस बीच, 23 फरवरी को कोर्ट से लौट रहे गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश की सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मियों को भी गोली मारी गई थी. दोनों सिपाहियों की भी जान गई थी. इस मामले में उमेश की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और 9 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. जया पाल ने आरोप लगाया कि उनके पति उमेश, राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे. अतीक और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर 2006 में उसका अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया. उमेश ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
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प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि अतीक, अशरफ और परवीन ने उमेश पाल और उनके सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद को मारने की साजिश रची थी और पूर्व सांसद के बेटों और सहयोगियों ने हमला किया था. उमेश पाल की हत्या से कथित तौर पर जुड़े दो लोग अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान 27 फरवरी और 6 मार्च को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. 13 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद समेत पांच आरोपियों पर 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये इनाम कर दिया है.