
संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए यूपी की योगी सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है.इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्य न्यायिक आयोग का गठन किया गया है.
आयोग में रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा के साथ रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एक जैन भी शामिल हैं. आयोग इस बात की जांच करेगा कि संभल में हुई हिंसा संयोजित साजिश थी या फिर कोई अचानक हुई घटना थी. इसके अलावा जांच आयोग संभल हिंसा के पीछे लोगों की भूमिका की भी जांच करेगा.
दो माह के भीतर रिपोर्ट देगा आयोग
इस आयोग को दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है. आयोग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी अपने सुझाव सरकार को देगा. गुरुवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में संभल हिंसा की जांच के लिए याचिका दाखिल की गई थी.
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आज सप्रीम कोर्ट में सुनवाई
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आज संभल की शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. इस याचिका में जिला अदालत के 19 नवंबर के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें मुगलकालीन मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था. याचिका में सिविल जज द्वारा पारित 19 नवंबर के आदेश के क्रियान्वयन पर एकपक्षीय रोक लगाने की मांग की गई है.
इसमें कहा गया है, "जिस जल्दबाजी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई और एक दिन के भीतर ही सर्वेक्षण कराया गया तथा अचानक मात्र छह घंटे के नोटिस पर दूसरा सर्वेक्षण कराया गया, उससे व्यापक सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है तथा देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरा है." मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने वाली है.
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4 लोगों की हुई थी मौत
संभल में 19 नवंबर से तनाव व्याप्त है, जब अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, क्योंकि दावा किया गया था कि इस स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था. संभल में 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी जब प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास एकत्र हुए और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए. हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.