Advertisement

जिस मगरमच्छ को नहीं पकड़ पाया वन विभाग, उसे गंगा नदी से खींच लाए क्रिकेट खेल रहे लड़के; मंदिर में रख दिया तो होने लगी पूजा

Kanpur News: दो दिनों से यह मगर कानपुर के नहाने वाले घाटों पर देखा जा रहा था. ऐसे में कानपुर में प्रतिदिन नहाने वाले हजारों लोगों में दहशत थी कि खतरनाक जीव कोई हादसा न कर दे, इसलिए लोग डर के मारे कई लोग नहाने भी नहीं जा रहे थे. 

मगरमच्छ के पास फोटो क्लिक कराते महिलाएं-बच्चे. मगरमच्छ के पास फोटो क्लिक कराते महिलाएं-बच्चे.
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 31 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:57 PM IST

UP News: कानपुर के गंगा घाटों पर कई दिनों से दहशत का पर्याय बने मगरमच्छ वन विभाग नहीं पकड़ पाया. आखिर गंगा के पुत्र कहे जाने वाले मल्लाहों के लड़कों ने इस मगरमच्छ को पकड़ लिया और फिर उसे लाकर एक मंदिर के प्रांगण में बंद कर दिया. मगरमच्छ को बांधकर रखने की सूचना आसपास पहुंची तो महिलाएं और बच्चे जलीय जीव की पूजा-आरती करने पहुंच गए. इस दौरान वन विभाग और पुलिस को भी सूचना दी गई. पुलिस की टीम तो जरूर पहुंच गई लेकिन वन विभाग के टीम 2 घंटे तक नहीं पहुंची. इस दौरान मगरमच्छ बंधा हुआ इधर-उधर लुढ़कता रहा. वहां पर जुटी सैकड़ों महिलाएं और बच्चे मंदिर में चारों तरफ भगवा के झंडे लगे थे. इस दौरान लोग 'जय श्री राम' के नारे भी लगा रहे थे.
 
कानपुर में तीन दिन पहले गंगा बैराज के घाट के पास मगरमच्छ को देखा गया था. पुलिस भी मौके पर पहुंची थी. लेकिन सूचना देने के बाद भी वन विभाग का अमला मौके पर नहीं पहुंचा था. बाद में मगरमच्छ गंगा में खुद-ब-खुद चला गया. उसके बाद मंगलवार को यह मगर भैरव घाट के पास देखा गया था. दो दिनों से यह मगर कानपुर के नहाने वाले घाटों पर देखा जा रहा था. ऐसे में कानपुर में प्रतिदिन नहाने वाले हजारों लोगों में दहशत थी कि खतरनाक जीव कोई हादसा न कर दे, इसलिए लोग डर के मारे कई लोग नहाने भी नहीं जा रहे थे. 

Advertisement

एक कुत्ते को खींचते हुए दिखाई पड़ा मगरमच्छ तो दौड़े लड़के 

पुलिस वन विभाग की टीम को पकड़ने में लगी थी. लेकिन सफलता नहीं मिली. बुधवार दोपहर को कानपुर के अस्पताल घाट के पास रहने वाले निषाद मल्लाह के लड़के रेत में क्रिकेट खेलने गए थे. इस दौरान को मगरमच्छ एक कुत्ते को खींचते हुए दिखाई पड़ा. यह देख लड़कों ने रस्सी और जाल डालकर मगरमच्छा को पकड़ लिया. इसके बाद उसको बंद करके अस्पताल घाट पर बने एक मंदिर में ले आए और उसको बांधकर जैसे ही रखा गया तो आसपास की महिलाएं और बच्चे पूजा आरती करने लगे.

गंगा जी की सवारी मानकर करने लगे पूजा 

इन महिलाओं का कहना था कि मगरमच्छ लक्ष्मी जी की सवारी है और गंगा जी की सवारी है, इसलिए उसकी पूजा करने से गंगा मैया और लक्ष्मी माता का आशीर्वाद मिलेगा. कानपुर में गंगा के घाटों पर दहशत फैलाने वाला यह मगरमच्छ आखिर वन विभाग की टीम के कंट्रोल में आ गया है. वन विभाग इसे कानपुर चिड़ियाघर भेजने तैयारी में है.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement