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मछलियों के आधार कार्ड! योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बताया कैसे होती है पहचान

योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बताया कि इंसानों की तरह मछलियों के आधार संबंधी जानकारी के लिए व्यवस्था की गई है. इसके जरिए यह जानकारी मिल पाती है कि मछली किस नदी की है. मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए और नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए छोटी-छोटी समितियां बनाई गई हैं.

कैबिनेट मंत्री संजय निषाद. कैबिनेट मंत्री संजय निषाद.
रंजय सिंह
  • कानपुर ,
  • 15 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

आधार कार्ड देश के नागरिकों के लिए सरकार की तरफ से जारी किया जाने वाला एक पहचान पत्र है. इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या होती है. ठीक इसी तरह यूपी में मछलियों की पहचान के लिए व्यवस्था की गई है. कुछ ऐसा ही दावा है मत्स्य मंत्रालय के मंत्री संजय निषाद का. 

यूपी के कानपुर में मंत्री संजय निषाद ने जानकारी दी कि अब मत्स्यकीय अनुसंधान लखनऊ में इंसानों की तरह मछलियों के आधार संबंधी जानकारी के लिए व्यवस्था की गई है. इसके जरिए यह जानकारी मिल पाती है कि मछली किस नदी की है. 

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'पूरे देश में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई'

दरअसल, मंत्री संजय निषाद ने गंगा बैराज स्थित अटल घाट में एक लाख मछलियों के बच्चों को गंगा नदी में छोड़ा. उनसे सवाल किया गया कि मछलियों को और मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है लेकिन मछलियों का शिकार करने वाले भी लगातार सक्रिय हैं. 

'माफिया राज को खत्म कर दिया गया है'

इस पर उन्होंने कहा, "पूरे देश में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसमें आधार कार्ड वाली मछलियां गंगा नदी में छोड़ी जा रही हैं. जिस तरह से इंसानों का आधार कार्ड बनता है. उसी तरह मछलियों की पहचान के लिए ये काम किया गया है". 

उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए और नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए छोटी-छोटी समितियां बनाई गई हैं. माफिया राज को खत्म कर दिया गया है. जिस तरह से यह पहल शुरू की जा रही है, आने वाले समय में उससे मंत्रालय को बड़ा फायदा होगा. लाखों लोग जो नदी के किनारे रहते हैं, उन्हें रोजगार भी मिल सकेगा.

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