
फिल्म आदिपुरुष विवादों में घिर गई गई है. इस पर किरदारों से छेड़छाड़ और खराब डायलॉग के आरोप लग रहे हैं. हिंदू संगठनों का कहना है फिल्म में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के साथ और रामायण की मूल भावना के साथ मजाक किया गया है. यूपी के वाराणसी में संत भी फिल्म के खिलाफ उतर आए हैं.
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि सनातन धर्म में तथ्यों से छेड़छाड़, महापुरुषों और परमात्मा का सरलीकरण करना अक्षम्य है. इस फिल्म के डायलॉग संतों को पच नहीं रहे हैं. लफंगा लेखक फिल्म में टपोरी जैसे डायलॉग का प्रयोग कर रहा है, जो संतों को स्वीकार नहीं है.
'मर्यादाहीन निर्देशक और ऐसे लेखक स्वीकार नहीं'
उन्होंने कहा कि धर्म का क्षेत्र मर्यादा चाहती है. शत्रुओं के लिए भी मर्यादित शब्दों का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए मर्यादाहीन निर्देशक और ऐसे पटकथा लेखक स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं. उधर, वाराणसी में अधिवक्ताओं के एक समूह ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक सहित अभिनेता और अभिनेत्रियों पर केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
'हिंदू धर्म का माखौल उड़ाने का काम किया जा रहा'
अधिवक्ताओं का कहना है कि ये मूवी हिंदू धर्म को आहत करने वाली है. सभी के किरदारों को गलत तरीके से दर्शाया गया है. इसलिए मूवी पर रोक लगनी चाहिए. वकीलों ने कहा कि फिल्म के कलाकारों द्वारा लगातार हिंदू धर्म का माखौल उड़ाने का काम किया जा रहा है. आम हिंदू जनमानस आक्रोशित है.
फिल्म के कुछ हिस्सों को हटाने की मांग
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में फिल्म के कुछ हिस्सों को हटाने की मांग वाली याचिका भी दाखिल की गई है. उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में फिल्म को बैन करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि फिल्म में भगवान राम और भगवान हनुमान की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है. अगर लोग मांग करते हैं तो सरकार राज्य में इसे बैन करने पर विचार कर सकती है.