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रामायण पाठ पर स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान, बोले- 97% लोगों को अपमानित करने वाला फैसला

रामचरित मानस की चौपाई पर बयान देकर विवादों में घिरे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर रामायण पर सवाल उठाए हैं. राज्य सरकार द्वारा रामनवमी में अखंड रामायण के पाठ के निर्देश पर उन्होंने कहा है कि इससे 97 फीसदी लोगों को अपमानित करने का घिनौना खेल हुआ है.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य.
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी त्योहारों के दौरान पूरे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है. इसके लिए हर जिलाधिकारी को एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

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97 फीसदी लोगों को अपमानित करने का घिनौना खेल

मौर्य ने सरकारी खर्चे पर अखंड रामायण का पाठ कराने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. कहा कि इसी रामायण में वो चौपाई है, जिसमें शूद्र समाज को प्रताड़ित और मारने-पीटने की बात कही गई है. इस पाठ का मतलब उन 3 फीसदी लोगों को बढ़ावा देना है जो इस तरह की बात करते हैं. इससे 97 फीसदी लोगों को अपमानित करने का घिनौना खेल हुआ है. सरकार का ये निर्णय धार्मिक भावनाओं से प्रभावित नहीं बल्कि देश की महिलाओं और अदिवासियों को मारने-पीटने वालो को बढ़ावा देने वाला है.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कसा था तंज

इससे पहले रामायण पाठ के लिए एक लाख रुपये दिए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा था. उन्होंने ट्वीट किया था, 'रामनवमी मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के जिलाधिकारियों को एक लाख रुपये दिए जाने के प्रस्ताव का स्वागत है, पर इतनी कम रकम से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए, जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके. बीजेपी सरकार त्योहारों पर मुफ्त सिलेंडर दे और इसकी शुरूआत इसी रामनवमी से हो". 

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संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम का आदेश

गौरतलब है कि संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम ने 10 मार्च को जारी एक आदेश में कहा, 'चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इसलिए इस दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रस्ताव है.' निर्देश सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को भेजे गए हैं.

 

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