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आगरा: एसिड अटैक मामले में 26 साल बाद FIR, क्या अब मिल पाएगा इंसाफ?

आगरा में एसिड अटैक के पुराने अलग-अलग मामलों में पीड़िताओं को मदद मिली है. कोई केस 26 साल पुराना है तो कोई केस 20 साल पुराना. पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद थानों में मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्हें अब लग रहा है कि इंसाफ मिलेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.
अरविंद शर्मा
  • आगरा,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

उत्तर प्रदेश के आगरा में एसिड अटैक के पुराने अलग-अलग मामलों में महिलाओं को मदद मिली है. एसिड अटैक पीड़िताओं से शिकायत मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर ने यह कार्रवाई की. एक महिला पर 1997, दूसरी पर 2002 तीसरी पर 2013 में एसिड अटैक हुआ था, जिसमें दोनों बुरी तरह जल गई थीं.

जानकारी के मुताबिक, पहला मामला एत्माद्दौला का है. एत्माद्दौला की रहने वाली लड़की साल 2002 में अपनी बहन की अलीगढ़ में स्थित ससुराल में गई थी. बहन के देवर आरिफ निवासी मसानी का नगला ने 7 सितंबर 2002 को उसके ऊपर तेजाब डाल दिया. इससे उसका चेहरा और शरीर बुरी तरह से जल गया.

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पीड़िता ने बताया कि जब उसके ऊपर तेजाब डाला गया था तब वह मात्र 14 साल की थी. इंसाफ की आस में पीड़िता 21 साल तक थाने पुलिस के चक्कर लगाती रही. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात की. पीड़िता की आपबीती सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर 21 साल बाद थाना एत्माद्दौला में आरोपियों के खिलाफ एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज किया गया.

26 साल पहले एसिड अटैक
दूसरा मामला थाना ताजगंज का है. वर्ष 1997 में मोहल्ला गुम्मट की रहने वाली पीड़िता पर एसिड अटैक हुआ था. पीड़िता का चेहरा सिरफिरे ने जला दिया था. पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की लेकिन मुकदमा नहीं लिखा गया. पीड़िता इंसाफ की आस छोड़ चुकी थी. लेकिन अब उसकी मुलाकात पुलिस कमिश्नर से हुई. एसिड अटैक पीड़िता की फरियाद सुनने के बाद कमिश्नर ने थाना ताजगंज पुलिस को आदेश दिया. थाना ताजगंज पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर 26 साल बाद एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज किया. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस केस में भी पुलिस आरोपियों की पहचान और तलाश में जुट गई है.

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2013 में एसिड अटैक
तीसरा मामला थाना हरी पर्वत का है. साल 2013 में पीड़िता पर एसिड अटैक हुआ था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. आरोपी के खिलाफ कार्रवाई भी की. लेकिन पीड़िता काफी समय से री मेडिकल कराए जाने की मांग कर रही थी. पीड़िता की गुहार सुनने के बाद आगरा पुलिस कमिश्नर ने पीड़िता का री मेडिकल कराए जाने के लिए जिलाअधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा है.

पुलिस कमिश्नर द्वारा की गई कार्रवाई से एसिड अटैक पीड़िताओं ने राहत की सांस ली है. सभी ने पुलिस कमिश्नर का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि अब जाकर उन्हें लग रहा है कि इंसाफ मिलेगा.

 

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