Advertisement

बैंक मैनेजर मर्डर केस: आगरा में पति की हत्या कर प्रयागराज में छुप गई थी पत्नी, 15 दिन बाद गिरफ्तार

बहुचर्चित बैंक मैनेजर हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी ससुर और पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. वे हाईकोर्ट से इस मामले में एंटीसिपेटरी बेल लेना चाहते थे, इसीलिए प्रयागराज में छुपे हुए थे. लेकिन आगरा पुलिस ने उन्हें प्रयागराज से गिरफ्तार किया और आगरा ले आई. दोनों से पूछताछ जारी है.

मृतक सचिन उपाध्याय, प्रियंका और प्रियंका का भाई. मृतक सचिन उपाध्याय, प्रियंका और प्रियंका का भाई.
aajtak.in
  • आगरा,
  • 30 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

यूपी के आगरा में 12 अक्टूबर को हुए बैंक मैनेजर हत्याकांड में आरोपी पत्नी और ससुर को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है. पिता-बेटी हाईकोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल लेना चाहते थे, इसलिए प्रयागराज में छुपे हुए थे. इस मामले में पुलिस मृतक बैंक मैनेजर के साले को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है. बस पत्नी और ससुर फरार थे. अब पुलिस ने उन्हें भी अरेस्ट कर लिया है.

Advertisement

मामला आगरा जिले के ताजगंज थानाक्षेत्र स्थित रामरघु एग्जॉटिका का है. यहां रहने वाले बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या हो गई थी. 12 अक्टूबर को सचिन की पत्नी प्रियंका ने पुलिस को सुसाइड की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने मौके का मुआयना किया. वहीं, सचिन के परिजनों ने इसे हत्या का मामला बताते हुए सचिन की पत्नी प्रियंका, ससुर बिजेंद्र रावत और साले कृष्णा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.

इसके बाद जब सचिन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो इस बात की पुष्टि हो गई कि मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है. इसके बाद पुलिस ने सचिन की पत्नी प्रियंका, ससुर कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत और प्रियंका के भाई की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने कृष्णा को तो पहले ही गिरफ्तार कर लिया. लेकिन पिछले 15 दिनों से प्रियंका और उसके पिता की तलाश जारी थी. इसी दौरान सर्विलांस की मदद से शनिवार देर रात उन्हें प्रयागराज में गिरफ्तार कर लिया गया. आगरा लाकर पुलिस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है.

Advertisement

पुलिस ने बताया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उन्हें मामला सुसाइड का बताया गया था. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि मृतक के शरीर पर काफी चोट थी. गला घोंटकर उसकी हत्या की गई थी. मृतक के पिता ने पहले ही बहू, समधी और समधी के बेटे के खिलाफ हत्या का शक जताया था. उन्होंने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी. फिर जब हमने जांच शुरू की तो सीटीटीवी में दिखा कि 11 अक्टूबर की देर रात प्रियंका का भाई कृष्णा उनके घर आया था. और उसी दिन सचिन की हत्या भी हुई थी.

काम वाली से कढ़ी-चावल और 16 रोटियां बनवाईं

मामले में पुलिस ने आगे बताया, ''हमने फिर जल्द ही कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया. प्रियंका-सचिन के घर में खाना बनाने वाली ने भी बताया कि हत्या वाले दिन उसे इस बात की भनक तक नहीं लगी कि यहां कुछ गलत हुआ है. बस प्रियंका ने उस दिन खाने में कढ़ी-चावल और 16 रोटियां बनवाई थीं. जबकि, रोजाना वे लोग सिर्फ 7 रोटियां बनवाते थे. दूसरी कामलवाली ने बताया कि उस दिन प्रियंका ने उसे सचिन के कमरे की सफाई नहीं करने दी थी. कहा था कि वो रेस्ट कर रहे हैं.''

एंटीसिपेटरी बेल लेना चाहते थे आरोपी

Advertisement

पुलिस ने बताया कि उल्टा प्रियंका ने अपने ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था. उसके दहेज उत्पीड़न का मुकदमा खारिज होने के बाद वो फरार हो गयी थी. उसके पिता बिजेंद्र रावत भी फरार थे. सर्विलांस की मदद से उनकी मोबाइल लोकेशन ट्रेस की गई. पता चला दोनों दोनों पिता-बेटी प्रयागराज में छुपे हैं. वे हाईकोर्ट से इस मामले में एंटीसिपेटरी बेल लेना चाहते थे इसीलिए प्रयागराज में छिपे हुए थे. लेकिन आगरा पुलिस ने देर रात उन्हें प्रयागराज से गिरफ्तार किया और आगरा ले आई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement