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रामचरितमानस विवाद : अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री ने साधा बिहार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बिहार के शिक्षा मंत्री पर गुस्सा जाहिर किया है. रामचरितमानस पर बिहार शिक्षा मंत्री के लिए बयान को उन्होंने शर्मनाक बताया है. साथ ही कहा है कि पहले शिक्षा मंत्री को बिहार की शिक्षा व्यवस्था सुधारनी चाहिए. बिहार सरकार ने मजदूरों की सप्लाई करने की सुपारी ले रखी है.

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती. अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती.
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

 

पटना की नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रेशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. उनके बयान को लेकर अब अखिल भारतीय संत समिति आग बबूला हुई है. समिति ने कहा, ''बजाए अपनी शिक्षा को सुधारने के बिहार सरकार ने मजदूरों की सप्लाई करने की सुपारी ले रखी है.''

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा, ''न केवल यह बयान निंदनीय है, बल्कि घोर आपत्तिजनक भी है, बिहार शिक्षा मंत्री को तुलसीदास के उन चौपाइयों पर भी ध्यान देना चाहिए, जिसमें तुलसीदास में सभी जातियों को साथ में लेकर चलने की बात कही है, लेकिन बिहार सरकार बजाए अपने शिक्षा को दुरुस्त करने के पूरे देश में मजदूरों को सप्लाई करने की सुपारी ले रखी है.''

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दो केस कराए गए हैं दर्ज

रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर मुजफ्फरपुर और किशनगंज जिले में हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए हैं. मुजफ्फरपुर से एडवोकेट सुधीर ओझा ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कराया है, जबकि बजरंग दल के गणेश झा, जिला बार एसोसिएशन के प्रमोद कुमार व अधिवक्ता अजीत कुमार ने किशनगंज में दूसरा मामला दर्ज कराया है.

नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में दिया था बयान

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार (11 जनवरी) को तुलसीदास की रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला बताया था. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए मंत्री ने आगे कहा था कि रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें हैं.

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शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अब भी अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने फिर कहा कि मैं एक ही बात कितनी बार कहूं. मैं अब भी अपने बयान पर कायम हूं. उन्होंने कहा, 'मैं एक ही बात कितनी बार कहूं? मैं सच बोलता हूं, मैं उस पर कायम हूं. कोई कुछ भी कहे मुझे इससे क्या लेना देना?'

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