
एक शेर इन दिनों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर बिल्कुल फिट बैठता है. "ये इश्क नहीं आसां इतना समझ लीजिए, एक आग का दरिया है और डूब कर जाना है. यह बात इसलिए चल निकली है क्योंकि अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के फैसले से नाराज होकर दो टूक कह दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को INDIA गठबंधन के बारे में तय करना है कि यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर. अगर अभी प्रदेश स्तर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा.
दरअसल, अखिलेश यादव के इस बयान के बाद अब साफ हो गया है कि INDIA गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों एक दूसरे से असहज है. दरअसल समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस पार्टी उसके लिए कुछ सीटें जरूर छोड़ देगी. लेकिन हुआ इसके ठीक उल्ट. कांग्रेस ने उन सीटों पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिए, जहां पिछली बार समाजवादी पार्टी जीती थी. यही बात अखिलेश यादव को अखर गई.
अखिलेश यादव ने पहले मध्य प्रदेश के कई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. इसके बाद अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर साफ-साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर भी गठबंधन नहीं होगा. यानी कांग्रेस पार्टी को खुली चुनौती और धमकी अखिलेश यादव ने दे दी कि मध्य प्रदेश नहीं तो 2024 में उत्तर प्रदेश में गठबंधन भूल जाओ.
इस बयान के बाद अब देखना है कि क्या कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आती है या नहीं. क्या वह बची हुई सीटों में समाजवादी पार्टी को समायोजित करती है या फिर अकेले ही लड़नी है. अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ी तो INDIA गठबंधन के लिए 2024 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का एक होना मुश्किल हो जाएगा.