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'यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन रहेगा', उपचुनाव की 6 सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान के बाद बोले अखिलेश

यूपी में सपा ने उपचुनाव के लिए छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. कहा जा रहा था कि इनमें वो सीटें भी शामिल हैं, जिन्हें कांग्रेस अपने लिए मांग रही थी. इसको लेकर अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान सामने आया है.

राहुल गांधी और अखिलेश यादव (फाइल फोटो) राहुल गांधी और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • इटावा,
  • 10 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की छह सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इसके बाद से कहा जा रहा था कि कांग्रेस जिन सीटों को अपने लिए मांग रही थी, उन सीटों पर भी सपा ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, इसलिए अब कहना मुश्किल होगा कि यूपी में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन रहेगा या नहीं. हालांकि अब इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने क्लीयर कर दिया है कि यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन जारी रहेगा.  

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अखिलेश यादव ने सैफई में अपने पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उपचुनाव के बारे में आज बहुत कुछ नहीं बोलना है. उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन जारी रहेगा.

हरियाणा में कांग्रेस के हारते ही अखिलेश ने यूपी में दिखा दिए अपने तेवर!

समाजवादी पार्टी ने बुधवार को मैनपुरी की करहल, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर और कानपुर की सीसामऊ सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. अखिलेश ने करहल से तेज प्रताप यादव, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद, मझवां से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी ज्योति बिंद, कटेहरी से लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा और सीसामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उतारा है. 

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अजय राय अपने बेटे के लिए मांग रहे थे मझवां सीट

ऐसा कहा जा रहा था कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अपने बेटे शांतनु राय के लिए मझवां सीट की मांग कर रहे थे, जबकि प्रयागराज से जुड़ी फूलपुर सदर की सीट पर कांग्रेस पार्टी बहुत मजबूती से अपनी दावेदारी पेश कर रही थी. इन दोनों ही सीटों पर अखिलेश यादव ने अपने पहली लिस्ट में कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद कर दिए. इसलिए अब दोनों दलों के बीच गठबंधन पर सवाल उठने लगे थे. 

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