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पुराने साथी नाराज, अब नए गठबंधन पर अखिलेश यादव का दांव!

यूपी चुनाव में अखिलेश यादव के गठबंधन सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर का झुकाव बीजेपी की ओर हो गया. महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य लोकसभा चुनाव में बसपा का समर्थन करने वाले हैं.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव/संदीप सैनी
  • लखनऊ/मुजफ्फरनगर,
  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

यूपी चुनाव में अखिलेश यादव के गठबंधन सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर का झुकाव बीजेपी की ओर हो गया. महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य लोकसभा चुनाव में बसपा का समर्थन करने वाले हैं.

लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी खेमे में हलचल बढ़ गई है. बिहार की राजधानी पटना में होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल होंगे. यूपी विधान सभा चुनाव में अखिलेश यादव के साथ रहे गठबंधन सहयोगी नाराज हैं तो वहीं अखिलेश अब एक नए गठबंधन की नींव का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

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यूपी चुनाव में अखिलेश यादव के गठबंधन सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर का झुकाव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर हो गया है. वहीं, महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य लोकसभा चुनाव में बसपा का समर्थन करने का ऐलान कर चुके हैं. इस बीच जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के बीच भी सबकुछ ठीक नहीं होने के कयासों का दौर चल रहा है.

सूत्रों की मानें तो सपा ने जबसे हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का प्रभारी नियुक्त किया है, तभी से जयंत चौधरी के साथ मनमुटाव की स्थिति बन गई है. आरएलडी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव के इस कदम को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. इस सीट से जयंत चौधरी अपने परिवार से किसी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में हैं.

अखिलेश यादव के इस सीट पर प्रभारी नियुक्त करने को आरएलडी चुनाव लड़ने की तैयारी के रूप में ले रही है. इस सीट से जयंत चौधरी के पिता और आरएलडी के संस्थापक चौधरी अजीत सिंह को मात खानी पड़ी थी. हालांकि, मुजफ्फरनगर में सपा के प्रभारी नियुक्त करने पर विवाद की खबरों को दोनों ही दलों के नेता खारिज कर रहे हैं.

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दोनों दल बता रहे कुछ नेताओं के बीच का मामला

आरएलडी और सपा, दोनों ही पार्टियां इस तरह की खबरों को कुछ नेताओं के बीच का मामला बता रही हैं. आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव अजीत राठी ने कहा कि कौन चुनाव लड़ेगा, ये जयंत चौधरी और अखिलेश यादव साथ बैठकर तय करेंगे कि कौन लड़ेगा. अभी चुनाव में काफी समय है और कार्यकर्ता बूथ स्तर तक जाने की तैयारी में जुटे हैं. उन्होंने नाराजगी की खबरों पर कहा कि किसी व्यक्ति को नाराजगी होगी तो कारण वही जाने. नेतृत्व के स्तर पर ऐसा कुछ नहीं है. प्रभारी नियुक्त करना सपा का निर्णय है.

अजीत राठी ने पुराने गठबंधन सहयोगियों की नाराजगी और अब नया गठबंधन, इसे लेकर सवाल पर कहा कि जब यूपीए-1 और यूपीए-2 बना तो बहुत सारे दल पहले से गठबंधन में नहीं थे. कुछ दलों में भले मतभेद हों, लेकिन सोच सबकी एक है- बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के पटना की बैठक में जाने पर तंज करते हुए कहा कि यादव और मुसलमान ही उनके साथ नहीं हैं. सपा एक डूबता जहाज है. जयंत की नाराजगी को लेकर ब्रजेश पाठक ने कहा कि 2024 तक इंतजार करिए, स्थिति साफ हो जाएगी. हम 80 में 80 सीटें जीतेंगे.

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हरेंद्र मलिक बोले- कोई नाराजगी नहीं है

मुजफ्फरनगर के सपा प्रभारी हरेंद्र मलिक ने मनमुटाव की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि हर पार्टी चुनावी तैयारियों में जुटी है. हम भी बूथ लेवल कमेटियां गठित करने में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे संगठन का ढांचा, बूथ कमेटी और साथियों के समन्वय की जिम्मेदारी दी है. हम उस काम को कर रहे हैं. अगर हमारा और आरएलडी का, दोनों का ही संगठन मजबूत होगा तो सीट जिसके भी हिस्से में आएगी उसे इसका फायदा मिलेगा. हरेंद्र मलिक ने चुनावी तैयारियों को लेकर भी अपनी बात रखी.

उन्होंने कहा कि 2024 की तैयारी में बीजेपी एक साल से लगी है और हम भी. उनके पास प्रचार के साधन हैं, वे ज्यादा प्रचार करते हैं. हरेंद्र मलिक ने कहा कि सपा के साथ ही आरएलडी और आम समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं की ताकत है. इसके साथ ही अगर भारतीय किसान यूनियन के साथ ही किसान संगठनों का भी समर्थन रहे तो 6 बजे मतदान शुरू होगा, रात के 8 बजे तक ही साफ हो जाएगा कि हम चुनाव जीत रहे हैं.

 

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