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90 घंटे काम करने की सलाह पर अखिलेश का तंज, बोले- जो ज्ञान दे रहे हैं वे इतना काम करते थे

अखिलेश ने कहा कि जो लोग 90 घंटे काम करने की सलाह दे रहे हैं, उन्हें पहले यह देखना चाहिए कि उन्होंने खुद अपने युवा दिनों में ऐसा किया था या नहीं. अगर वे वास्तव में 90 घंटे काम करते, तो हमारी अर्थव्यवस्था आज इस स्थिति में क्यों होती?'

अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 03 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST

समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को 90 घंटे काम करने की सलाह को खारिज करते हुए सवाल किया कि 'यह इंसानों के लिए है या रोबोट के लिए?' पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि काम की गुणवत्ता (Quality) ज्यादा जरूरी है, न कि मात्र काम के घंटे (Quantity) की.

उन्होंने कहा, 'लोग अपने परिवार और भावनाओं के साथ जीना चाहते हैं. जब आर्थिक बढ़ोतरी (Economic Growth) का फायदा सिर्फ कुछ लोगों को ही मिले, तो फिर अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर की हो या 100 ट्रिलियन डॉलर की, आम जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता.'

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मनोरंजन और मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी
अखिलेश यादव ने मनोरंजन और फिल्म इंडस्ट्री का उदाहरण देते हुए कहा, 'फिल्म और मनोरंजन उद्योग अर्थव्यवस्था में अरबों का योगदान देता है. यह लोगों को तरोताजा और ऊर्जावान बनाता है, जिससे काम की गुणवत्ता में सुधार होता है.'

युवाओं पर जबरदस्ती का दबाव ठीक नहीं
उन्होंने कहा कि जो लोग 90 घंटे काम करने की सलाह दे रहे हैं, उन्हें पहले यह देखना चाहिए कि उन्होंने खुद अपने युवा दिनों में ऐसा किया था या नहीं. अगर वे वास्तव में 90 घंटे काम करते, तो हमारी अर्थव्यवस्था आज इस स्थिति में क्यों होती?'

योगी सरकार पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने इस मौके पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी घेरा और आरोप लगाया कि 'भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, जिससे हर क्षेत्र प्रभावित हो रहा है. अगर सरकार सिर्फ आधा भ्रष्टाचार भी खत्म कर दे, तो अर्थव्यवस्था खुद ही दोगुनी हो जाएगी.' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'डूबती नाव को सिर्फ तैरने की सलाह देने से कुछ नहीं होगा.'

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दरअसल, भारत के G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने हाल ही में कहा था कि 'भारत को 4 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 80 से 90 घंटे हफ्ते में काम करना होगा.'

उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया और चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि 'उन देशों ने कड़ी मेहनत से आर्थिक सफलता हासिल की है, भारत को भी ऐसी ही कार्य संस्कृति अपनानी होगी.' हालांकि, अखिलेश यादव और अन्य नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और काम और जीवन के बीच संतुलन की जरूरत बताई.

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