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सपा का 2027 के लिए अभी से बड़ा वादा, अखिलेश यादव ने महिलाओं के लिए बनाई ये खास स्कीम

सभी राजनीतिक दल भारत की राजनीति में महिला मतदाताओं का महत्व समझने लगे हैं. महिलाएं चुनावों में जीत की कुंजी बनकर उभरी हैं. इसीलिए सभी दलों में महिला मतदाताओं को साधने की होड़ मची है. चुनावी राज्यों में सभी पार्टियां महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद देने का ऐलान कर रही हैं.

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव. (Photo: X/@SamajwadiParty) समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव. (Photo: X/@SamajwadiParty)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:43 AM IST

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव तो 2027 में होना है, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अभी से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक कैम्पेन वीडियो पोस्ट किया, जिसके जरिए उन्होंने महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश की है. अखिलेश यादव ने महिलाओं के उत्थान और समृद्धि के लिए उत्तर प्रदेश में 'स्त्री सम्मान-समृद्धि योजना' लागू करने का वादा किया है.

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समाजवादी पार्टी ने इस कैम्पेन वीडियो में पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (PDA) के अपने नारे को दोहराया. अखिलेश यादव ने इस योजना के तहत महिलाओं के बैंक खाते में सीधे धनराशि भेजने, युवतियों को मोबाइल देने, और प्रतिभावान छात्राओं को लैपटॉप देने का वादा किया है. इसके अलावा, उन्होंने पीडीए पाठशाला शुरू करने का भी वादा किया है, जिसमें महिलाओं और लड़कियों का स्किल डेवलपमेंट होगा. सपा ने कहा है कि पीडीए पाठशाला के जरिए उनके हुनर को निखारा जाएगा और उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा.

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अखिलेश यादव ने सपा का कैम्पेन वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, 'हम 2027 में स्त्री सम्मान-समृद्धि योजना लाएंगे और हर बालिका, युवती, नारी को सबल बनाएंगे!' सपा ने दावा किया कि इस योजना के जरिए महिलाओं को न केवल सम्मान मिलेगा, बल्कि उनका आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण भी होगा. अखिलेश यादव का कहना है कि मंहगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को देखते हुए, 2027 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सभी वादे पूरे किए जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे पूर्व में हमारी सरकार ने किए थे.

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सभी राजनीतिक दल भारत की राजनीति में महिला मतदाताओं का महत्व समझने लगे हैं. महिलाएं चुनावों में जीत की कुंजी बनकर उभरी हैं. इसीलिए सभी दलों में महिला मतदाताओं को साधने की होड़ मची है. चुनावी राज्यों में सभी पार्टियां महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद देने का ऐलान कर रही हैं. मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले 'लाडली बहन योजना' शुरू की थी, जिसके तहत हर महीने महिलाओं को 1200 की आर्थिक सहायता दी जाती है. इसका चुनाव में असर देखा गया और भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई.

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मध्य प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन की सरकार ने 'माझी लाडकी बहिन योजना' शुरू की, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. इस योजना का असर ये हुआ कि भाजपा नीत महायुति गठबंधन की सरकार ने प्रचंड बहुमत के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की. इसी तरह छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने महिलाओं को 1 हजार रुपये मिलते हैं. इसके अलावा झारखंड में मईयां सम्मान योजना चलती है, जिसके तहत महिलाओं को 25 रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलती है. झारखंड में हेमंत सोरेन की सत्ता में वापसी का श्रेय इस योजना को दिया जाता है.

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दिल्ली के चुनाव में भाजपा ने सरकार में आने पर महिला समृद्धि योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया था. 27 साल बाद भाजपा को दिल्ली में जीत मिली. अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि बहुत जल्द महिला सम्मान योजना लागू होगी. माना जा रहा है कि इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 8 मार्च से शुरू होगी. शायद इन उदाहरणों को देखकर ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए महिलाओं को सरकार बनने पर आर्थिक मदद देने का वादा किया है. अब देखने वाली बात होगी कि 2027 के चुनाव में यूपी में सपा के इस वादे का कितना असर होता है और भाजपा इसका क्या तोड़ निकालती है. 

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