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'CM ने मंत्रियों को बताया होगा, पलट जाएगी गाड़ी....' अतीक अहमद पर बोले अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अतीक अहमद के मुद्दे पर बयान दिया है. उमेश पाल मर्डर केस में पूछताछ के लिए बाहुबली अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. ऐसे में अखिलेश ने यूपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) ने अपने मंत्रियों को बता दिया होगा कि गाड़ी पलट जाएगी, तभी उनके मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं.

अतीक अहमद की गाड़ी पलटने के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने दिया बयान अतीक अहमद की गाड़ी पलटने के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने दिया बयान
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 26 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST

गुजरात की साबरमती जेल में बंद बाहुबली नेता अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है. रविवार सुबह यूपी पुलिस उसे लाने के लिए गुजरात पहुंची. ऐसे में अब उसकी गाड़ी पलटने की भी चर्चा हो रही है. इस मुद्दे पर जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया तो उन्होंने यूपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) ने अपने मंत्रियों को बता दिया होगा कि गाड़ी पलट जाएगी. तभी उनके मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं.

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अखिलेश ने आगे कहा, गाड़ी पलटने का यह रिकॉर्ड कहीं नहीं जाएगा. हमेशा रिकॉर्ड रहेगा, जब चाहेंगे रिकॉर्ड मिल जाएगा. बता दें कि गैंगस्टर अतीक अहमद फिलहाल साबरमती जेल में बंद है. उससे उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पूछताछ की जानी है, इसीलिए उसे उत्तर प्रदेश लाने की तैयारी है.

अतीक अहमद का मेडिकल टेस्ट भी

दरअसल उमेश पाल हत्याकांड के मामले में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ आरोपी हैं. अतीक अहमद जहां गुजरात के साबरमती जेल में बंद है तो वहीं, अशरफ इन दिनों बरेली जेल में कैद है. यूपी पुलिस गैंगस्टर अतीक को गुजरात जेल से प्रयागराज लाने की तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक पुलिस अतीक को सड़क के रास्ते से प्रयागराज लाएगी. इसमें करीब 36 घंटे का समय लग सकता है. यूपी पुलिस अतीक को रविवार दोपहर 3 बजे साबरमती जेल से लेकर निकलेगी. इससे पहले जेल में ही अतीक का मेडिकल टेस्ट भी किया जाएगा.

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गुजरात पुलिस ने की अतीक की सेल की जांच 

आजतक के सूत्रों के मुताबिक, अतीक को प्रयागराज लाने के लिए शिवपुरी से झांसी का रूट अपनाया जाएगा. वहीं अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा सकता है. इससे पहले शुक्रवार रात को गुजरात की जेलों में करीब 1700 पुलिसकर्मियों और अफसरों ने अचानक सर्च ऑपरेशन भी चलाया था. इनमें से सबसे खास रही साबरमती जेल, जिसमें अतीक अहमद को रखा गया है.

इस छापेमारी का उद्देश्य यह पता लगाना था कि कहीं जेलों से किसी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधि को तो अंजाम नहीं दिया जा रहा है, साथ ही जेल के कैदियों को नियमानुसार ठीक से सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं या नहीं, ये भी देखना उद्देश्य रहा. इस सघन तलाशी अभियान में खोजी कुत्तों को भी लगाया गया था.

उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है अतीक

25 जनवरी 2005 को हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. गवाही से रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल को अगवा किया गया था और जिसके बाद उमेश पाल ने कोर्ट में अपने बयान बदल दिए थे. अपहरण कर जबरन बयान दिलवाने के मामले में उमेश पाल ने 1 साल बाद यानी साल 2007 में धूमनगंज थाने में अतीक अहमद अशरफ और दिनेश पासी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी. 

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इसी मामले में उमेश पाल की लगातार गवाही चल रही थी और 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल जब अपनी गवाही पूरी कर घर लौटे रहे थे, इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल अपहरण कांड में कोर्ट ने 17 मार्च 2018 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. जबकि 28 मार्च को MP-MLA कोर्ट अतीक अहमद के साथ ही बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ और उसके करीबी दिनेश पासी को लेकर फैसला सुनाएगी. 

उमेश पाल की मां ने अतीक पर लगाया आरोप

उमेश पाल की मां ने अतीक अहमद पर आरोप लगाया कि उसी की प्लानिंग के तहत उनके बेटे की हत्या की गई. पुलिस इसी मामले में जांच के लिए अतीक अहमद को यूपी ला रही है. 

UP में अतीक की जान को खतरा!

कुछ दिनों पहले अतीक ने SC में याचिका दाखिल कर जान को खतरा बताते हुए कोर्ट से गुजारिश की थी उसे अहमदाबाद जेल से यूपी ना भेजा जाए. अतीक ने अपनी अर्जी में कहा था कि उसे यूपी में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर ना भेजा जाए. उसकी सुरक्षा और जान को खतरा है. याचिका में कहा कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है. सीएम आदित्यनाथ योगी ने माफिया और आरोपियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही है. वहीं उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक गाड़ी पलटने की आशंका भी जता चुके हैं. 

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अगर उन्हें यूपी भी लाया जाए तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में लाया जाए नहीं तो उनके मामलों का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो. अगर पुलिस कस्टडी में रखकर ही पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आसपास गुजरात पुलिस की निगरानी में ही ये सब किया जाए.

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