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मंगेश यादव एनकाउंटरः योगी का विरोध करते-करते क्या गलत गोलपोस्ट में खड़े हो गए हैं अखिलेश?

मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर यूपी की सियासत में सपा और बीजेपी के बीच नया फ्रंट खुल गया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव इसे लेकर सरकार पर हमलावर हैं. क्या अखिलेश सीएम योगी का विरोध करते-करते गलत गोलपोस्ट में खड़े हो गए हैं?

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन की आलोचना की और 2027 के चुनावों के बाद गोरखपुर में बुलडोजर चलाने की कसम खाई। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन की आलोचना की और 2027 के चुनावों के बाद गोरखपुर में बुलडोजर चलाने की कसम खाई।
बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

उत्तर प्रदेश की सियासत में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच इन दिनों एक नया फ्रंट खुल गया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव सुल्तानपुर में सर्राफा दुकान में हुई लूट के मामले में आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर के खिलाफ सरकार पर हमलावर हैं. अखिलेश ने मंगेश के एनकाउंटर को फेक बताते हुए अब चप्पल को लेकर सवाल उठाए हैं.

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उन्होंने कहा कि दिमाग होता तो चप्पल में एनकाउंटर नहीं करते. अखिलेश के चप्पल वाले एंगल के बाद सूबे के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई में सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरें जारी कर साक्ष्य होने का दावा किया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अखिलेश यादव सीएम योगी का विरोध करते-करते गलत गोलपोस्ट में खड़े हो गए हैं?

योगी को दे दिया फ्रंटफुट पर खेलने का मौका

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 2019 की 62 के मुकाबले यूपी में 29 सीटों का नुकसान हुआ था. बीजेपी 33 सीटें ही जीत सकी थी जिसके बाद संगठन से सरकार तक सीएम योगी की ओर उंगलियां उठने लगी थीं. लोकसभा चुनाव के बाद अब यूपी की 10 रिक्त विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं और सीएम योगी ने सभी 10 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. योगी बनाम अखिलेश की शक्ल लेते जा रहे इन उपचुनावों से पहले मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर सपा प्रमुख के सवालों ने सीएम को फ्रंटफुट पर खेलने का मौका दे दिया है.

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कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर बीजेपी और योगी आक्रामक

बीजेपी ने मंगेश यादव एनकाउंटर के बहाने सपा और अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खुद सीएम योगी ने भी कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख का नाम लिए बगैर उनके सवालों को लेकर सवाल किए थे. सीएम योगी ने कहा था, "कोई डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो सपा को क्यों बुरा लगता है? डकैतों का सुराग नहीं लग पाता तो वे कहते कि अराजकता है. डकैत एनकाउंटर में मारा जाता है तो कहते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए. उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या होना चाहिए?"

यह भी पढ़ें: 'वो मौन ही रहें तो बेहतर...', मंगेश यादव एनकाउंटर पर अखिलेश का CM योगी को जवाब, कह दी ये बात

सीएम योगी ने अखिलेश को डकैती के आरोपी का समर्थन करने के लिए कठघरे में खड़ा करते हुए यह भी कहा, "सपा का बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है. जब कोई डकैत मुठभेड़ में मारा जाता है तो वे चिल्लाने लगते हैं, जैसे पुलिस ने उनकी दुखती रग पर उंगली रख दी हो." बीजेपी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सपा को घेरती रही है और योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का बड़ा आधार भी कानून-व्यवस्था को ही माना जाता है. अब अखिलेश के सवालों से सपा उस पिच पर आ गई है जिस पर सीएम योगी मजबूत माने जाते हैं.

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यादव कार्ड में फिट लेकिन अन्य जातियों में?

सपा प्रमुख अखिलेश ने मंगेश यादव एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि सबसे अधिक एनकाउंटर पीडीए के हुए. उन्होंने यह भी कहा कि जब पुलिस खुद कह रही है कि मंगेश मास्टरमाइंड नहीं था तो फिर मास्टरमाइंड का एनकाउंटर क्यों नहीं किया? अखिलेश के पीडीए कार्ड की काट के लिए भी बीजेपी और सीएम योगी एक्टिव हो गए हैं.

यह भी पढ़ें: 'मंगेश यादव की हत्या हुई है', सुल्तानपुर एनकाउंटर पर बोले अखिलेश यादव

सीएम योगी ने कहा, "जो डकैत मारा गया वह ग्राहकों को गोली मार देता तो क्या सपा उनकी जान वापस कर पाती? ग्राहक यादव, दलित या किसी भी जाति का हो सकता था." इसे लोकसभा चुनाव नतीजों का इफेक्ट भी बताया जा रहा है. बीजेपी की समीक्षा बैठकों के बाद नुकसान की एक वजह विपक्ष के नैरेटिव की काट के लिए कोशिश नहीं करने को बताया गया था.

अब 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव से पहले सीएम योगी और बीजेपी लोकसभा चुनाव वाली गलती नहीं दोहराना चाहते. मंगेश यादव केस में अखिलेश के स्टैंड को बीजेपी की रणनीति पीडीए नहीं, बस यादव कार्ड तक सीमित करने की हो सकती है. 

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