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2024 में PDA के सहारे सपा की नैया, अखिलेश यादव का ये है बूथ लेवल प्लान

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए बड़ी प्लानिंग की है. बूथ लेवल पर पार्टी को मजबूत करने के लिए अखिलेश यादव लंबे समय से पीडीए फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. अब पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के 8-10 लोगों की एक टीम बनाकर जमीनी स्तर पर मतादाओं को पार्टी के साथ जोड़ने की योजना बनाई है.

अखिलेश यादव अखिलेश यादव
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 14 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी नए तरीके से कैडर को मजबूत करने की जद्दोजहद में जुटी है. पार्टी ने पीडीए यानी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को साधने का फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है. पार्टी की मीटिंग में बूथ लेवल पर इन्हीं समुदाय के लोगों को जोड़ने की योजना बनाई गई है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ना सिर्फ बीजेपी को बल्कि कांग्रेस को भी निशाने पर लिए हुई है, जहां अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के साथ पार्टी की निजी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की कोशिश में हैं.

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समाजवादी पार्टी के पीडीए कैडर में बूथ लेवल पर पिछड़े वर्ग के दस लोग शामिल होंगे. पीडीए का फार्मूला खुद अखिलेश यादव ने बनाया है, जिसके जरिए वह राज्य में पार्टी की चुनावी नैया पार लगाने में जुटे हैं. सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि समाजवादी पार्टी राज्य में बूथ स्तर पर पीडीए कैडर बनाएगी. पार्टी के नेताओं ने इसपर काम भी शुरू कर दिया है. पीडीए कैडर में संबंधित समुदाय के नामचीन हस्तियों को भी शामिल किए जाने का प्लान है.

उत्तर प्रदेश में पीडीए की आबादी दो तिहाई

सपा नेता का कहना है कि पीडीए कैडर तैयार किए जाने के बाद इसकी पूरी जानकारी पार्टी हेडक्वार्टर को होगी. पार्टी की तरफ से सभी गतिविधियों को जमीनी स्तर पर लागू करने का काम पीडीए कैडर का होगा, जो पार्टी के संदेश को संबंधित मतदाताओं तक पहुंचाएंगे. सपा का पीडीए कैडर जिला स्तर पर पार्टी स्ट्रक्चर के आधार पर ही काम करेगा और खासतौर पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं पर फोकस करेगा और पार्टी के लिए समर्थन जुटाएगा. राज्य में इन समुदायों की आबादी दो तिहाई है.

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समाजवादी पार्टी के बैकवर्ड सेल के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने बताया कि बैकवर्ड सेल की तरफ से पीडीए कैडर के लिए ट्रेनिंग कैंप और मीटिंग आयोजित किए जाएंगे. साथ ही बूथ लेवल पर पिछड़े वर्ग के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ा जाएगा. पार्टी नेताओं का मानना है कि अखिलेश यादव द्वारा तैयार किए गए इस योजना से पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में लाभ होगा. 

पीडीए ही 2024 में बीजेपी को हराएगी- अखिलेश

अखिलेश यादव आए दिन अपनी रैलियों और सभाओं में इस बात का जिक्र करते नजर आते हैं कि पीडीए ही 2024 में बीजेपी को हराएंगे. हालांकि, वह अपनी सभाओं में अगड़े यानी बड़ी जाति, आधी आबादी यानि महिलाएं और आदिवासियों का भी जिक्र करते हैं लेकिन उनका खास फोकस पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों पर है. मुलायम सिंह के दौर में यादव-मुस्लिम समुदाय को समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता था, लेकिन अब अखिलेश यादव इससे आगे बढ़कर पीडीए को साध रहे हैं.

बूथ लेवल पर कैसे काम करेगा पीडीए कैडर?

बीजेपी की ही तरफ अखिलेश यादव भी जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की जद्दोजहद कर रहे हैं. बूथ को मजबूत करने के लिए पार्टी जोन, ब्लॉक और सेक्टर लेवल पर टीम बनाएगी. मसलन, एक सेक्टर में 9-12 बूथ होंगे और एक जोन में सात-आठ सेक्टर होंगे, जहां पीडीए कैडर मतदाताओं के साथ संवाद करेंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मायावाती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीएसपी ने दस सीटें जीतीं. इस बार सपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और फिलहाल कांग्रेस पार्टी के साथ सीट शेयरिंग पर खींचतान में है.

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