
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक चौसर बिछने लगी है. सभी पार्टियां अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हुई हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन NDA को हराने की ताकत PDA के पास है.
लखनऊ में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश ने कहा कि अगर बड़े राष्ट्रीय दलों ने हमें समर्थन दिया तो उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा हार जाएगी. अखिलेश यादव ने कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि किसी राज्य में कौन सा सहयोगी गठबंधन सबसे मजबूत है, इस पर विचार करते हुए सीटों का बंटवारा तय किया जाना चाहिए. वहीं विपक्षी एकता को लेकर अखिलेश ने कहा कि उनका एकमात्र नारा है, "अस्सी हराओ, भाजपा हटाओ.
2017 के विधानसभा और 2019 के आम चुनाव में क्रमशः कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन के बारे में बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा एक ईमानदार और मिलनसार गठबंधन सहयोगी रही है. उन्होंने कहा कि सपा जहां भी गठबंधन में रही है, आपने हमें सीटों के लिए लड़ने के बारे में नहीं सुना होगा. अखिलेश ने यूपी की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह विकास करने में नाकाम रही है जबकि कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है.
क्या है PDA?
अखिलेश यादव इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई राजनीतिक इबारत लिखने की कवायद में जुटे हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए नया फॉर्मूला दिया है. उन्होंने PDA का जिक्र किया है. PDA यानी (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक).
आदिवासी वोट बैंक को भी साधने की कोशिश
समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव अब आदिवासी वोट बैंक साधने की जुगत में लगे हुए हैं. वह 24 जून को मध्य प्रदेश सीमा में आने वाले चित्रकूट दौरे पर हैं, जहां वह एक तीर से दो निशाने साधने के साथ आदिवासी समाज को एमपी चुनाव और लोक सभा चुनाव दोनो में ही अपनी तरफ करने के प्रयास में हैं.
यूपी में सबसे बड़ा वोट बैंक है OBC
यूपी में सबसे बड़ा वोट बैंक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का है. लगभग 52 फीसदी पिछड़ा वोट बैंक में 43 फीसदी वोट बैंक गैर-यादव बिरादरी का है. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या यादव और दूसरे नंबर कुर्मी समुदाय की है. सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक ओबीसी जातियों में यादवों की आबादी कुल 20 फीसदी है, जबकि राज्य की आबादी में यादवों की हिस्सेदारी 11 फीसदी है, जो सपा का परंपरागत वोटर माना जाता है.
यूपी में दलित वोट बैंक हमेशा रहा है महत्वपूर्ण
समाजवादी पार्टी दलित वोटर्स पर फोकस कर रही है. यूपी में 22 फीसदी दलित वोटर्स हैं. दलित यूपी में दो हिस्सों में बंटा है. एक जाटव जिनकी आबादी 55 फीसदी फीसदी तो दूसरा गैर-जाटव जिसकी आबादी 45 फीसदी है. गैर-जाटव दलित करीब 50-60 जातियां और उप-जातियां शामिल हैं. दलित वोटर्स यूपी की राजनीति में हमेशा महत्वपूर्ण रहा है. सपा ने 'मिशन कांशीराम' को लेकर माहौल बनाने की जिम्मेदारी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ-साथ दलित नेता इंद्रजीत सरोज को दे रखी है. इसके अलावा, दलित नेता अवधेश प्रसाद को भी अखिलेश ने जिम्मेदारी दे रखी है.
यूपी में कितनी है अल्पसंख्यकों की आबादी?
देश में मुस्लिमों की आबादी 16.51 फीसदी है तो यूपी में करीब 20 फीसदी मुसलमान यानी 3.84 करोड़ है. पूर्वांचल कुछ हिस्सों में मुसलमान हैं तो पश्चिमी यूपी में मुसलमानों की बड़ी तादाद है. पश्चिमी यूपी में 26.21 फीसदी आबादी मुसलमानों की है. सूबे के 7 जिलों में मुसलमानों की आबादी 40 फीसदी से ज्यादा है, इन्हीं सात जिलों में से छह जगह पर मुस्लिम सांसद 2019 में चुने गए थे. 2022 के चुनाव में बीजेपी को इन्हीं जिलों में सपा से सियासी मात खानी पड़ी है.