
उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. गैंगस्टर्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. इस मामले में उन पर और अन्य चार लोगों पर गैंग बनाकर धमकी देने, वित्तीय और अन्य लाभ लेने के आरोप है.
कोर्ट ने रद्द कर दी जमानत याचिका
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक चिटकूट जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में 31 अगस्त को अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1986 की धारा 2/3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप है कि ये लोग धन उगाही और लोगों पर हमले करते थे, जिससे इलाके में भय और आतंक का माहौल बन गया था.
28 अगस्त को एक गैंग चार्ट तैयार किया गया था. चार्ट में अब्बास अंसारी को गैंग का सरगना और अन्य चार व्यक्तियों को गैंग के सदस्य के रूप में बताया गया था. बुधवार को जस्टिस समीत गोपाल ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, 'मामले के तथ्यों और जांच की प्रगति को देखते हुए याचिकाकर्ता 6 सितंबर 2024 से जेल में है, जमानत के लिए कोई आधार नहीं बनता.' कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में समय दिया और इसे सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.
राजभर की पार्टी के विधायक हैं अब्बास अंसारी
बता दें कि अब्बास अंसारी मऊ सीट से ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं. उन पर पहले भी कई आपराधिक मामलों के आरोप लग चुके हैं. कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और इस स्तर पर हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है.