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अमित शाह ने सीएम योगी, बाबा रामदेव और साधु-संतों के साथ महाकुंभ में लगाई डुबकी

गृहमंत्री अमित शाह ने प्रयागराज महाकुंभ पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई. उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और योग गुरु बाबा रामदेव के अलावा कई साधु संत भी मौजूद रहे. इसके बाद गृहमंत्री ने अक्षय वट के दर्शन किए.

गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम योगी और साधु संतों के साथ संगम में लगाई डुबकी. गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम योगी और साधु संतों के साथ संगम में लगाई डुबकी.
समर्थ श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST

गृहमंत्री अमित शाह ने आज महाकुंभ में स्नान किया. उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और योग गुरु बाबा रामदेव के साथ-साथ तमाम साधु संतों ने भी आस्था की डुबकी लगाई. अमित शाह आज ही प्रयागराज पहुंचे. सीएम योगी ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया, जिसके बाद वह महाकुंभ मेला क्षेत्र के लिए रवाना हो गए. बता दें कि गृहमंत्री शाह संगम में स्नान के बाद लेटे हनुमान और फिर अक्षय वट के दर्शन किए.

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महाकुंभ के दौरान अब तक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी आने वाले दिनों में महाकुंभ में स्नान के लिए जाने वाले हैं.

ये भी पढ़ें: महाकुंभ: मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में लगाएंगे आस्था की डुबकी

CM योगी, राजनाथ सिंह ने लगाई डुबकी

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 22 जनवरी को महाकुंभ पहुंचे थे और कैबिनेट मंत्रियों के साथ आस्था की डुबकी लगाई थी. स्नान के पहले योगी कैबिनेट ने त्रिवेणी संकुल में मीटिंग की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पहली बार महाकुंभ में पूरा मंत्रिपरिषद मौजूद है. इससे पहले देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 18 जनवरी को संगम तट पर पहुंचकर डुबकी लगाई थी.

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महाकुंभ जाएंगी राष्ट्रपति मुर्मू

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी प्रयागराज के महाकुंभ में शामिल होने के लिए जाएंगी. जानकारी के मुताबिक, 10 फरवरी को द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाएंगी.

क्यों मनाया जाता है कुंभ?

बता दें कि कुंभ का आधार एक पौराणिक कथा है. इसके मुताबिक सागर से अमृत खोजने के लिए मंथन हुआ. इस मंथन से मिले अमृत की बूंदें जिन चार जगहों पर नदियों में गिरीं, वहां कुंभ आयोजन होते हैं. इस कथा का पूरा वर्णन विष्णु पुराण, कूर्म पुराण, स्कंद पुराण, भागवत पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है.

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