
यूपी के कानपुर में जिम ट्रेनर विमल द्वारा कारोबारी की पत्नी एकता गुप्ता की हत्या का मामला अभी शांत नहीं हुआ था एक और जिम ट्रेनर का कारनामा सामने आ गया है. एकता मर्डर केस की तरह इस मामले में भी पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है. पीड़िता की शिकायत पर जब हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया तब जाकर पुलिस हरकत में आई.
दरअसल, इस मामले में पुलिस ने लगभग डेढ़ साल पहले अर्जुन सिंह नामक जिम ट्रेनर के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया. जिसका अब हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और कानपुर पुलिस कमिश्नर को हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस एक्शन में आई और आनन-फानन में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि यह मामला कानपुर के फजलगंज इलाके में रहने वाली बीए की एक छात्रा से जुड़ा है. पीड़ित छात्रा के अनुसार, तीन साल पहले जब वह 11वीं कक्षा में पढ़ती थी और फजलगंज के एक जिम में जाती थी, उसी दौरान ट्रेनर अर्जुन सिंह ने उससे संपर्क किया और मोबाइल नंबर मांगा. मना करने पर जिम संचालक को 20 हजार रुपये देकर उसका नंबर हासिल कर लिया और मिलने का दबाव डालने लगा.
बकौल पीड़िता- जिम में ट्रेनर अर्जुन ने उसे प्रोटीन शेक के नाम पर नशीला पाउडर देना शुरू किया, जिससे वह उसकी आदी हो गई. फिर अर्जुन ने उसे एक विशेष प्रकार का इंजेक्शन लगाया, जो घोड़ों की रेस के दौरान उपयोग होता है. जब नशे में अचेत हो गई तो दुर्व्यवहार किया और वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देने लगा.
पीड़ित छात्रा ने बताया कि जिम ट्रेनर अर्जुन सिंह ने उसे कई महीनों तक बंधक बनाकर रखा. आत्महत्या करने के लिए भी उकसाया, ताकि खुदकुशी का मामला बना सके. वहीं, माता-पिता जब पुलिस से शिकायत करने गए तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. पड़ोसियों की मदद से परिजनों ने उसे छुड़ाया और किसी तरह थाने में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन बावजूद इसके अर्जुन की गिरफ्तारी नहीं हुई. वह एक पहुंच वाले शख्स का बेटा है.
हालांकि, जब मीडिया में खबर आई तो पुलिस ने जांच को स्वरूप नगर थाने में स्थानांतरित कर दिया. फिर भी अर्जुन पर एक्शन नहीं हुआ. ऐसे में पुलिस की लापरवाही और देरी से परेशान होकर पीड़िता ने हाई कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट के सख्त आदेश के बाद चार्जशीट दाखिल की गई और अंततः सोमवार को पुलिस ने अर्जुन सिंह को गिरफ्तार कर लिया.