
अपर्णा यादव ने यूपी राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष पद पर जॉइन कर लिया है. हालांकि, इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि अपर्णा इस पद से खुश नहीं हैं. इसीलिए कई दिनों तक ना ही उन्होंने ऑफिस जॉइन किया और ना ही कोई प्रतिक्रिया दी. फिलहाल, अब तस्वीर साफ हो चुकी है. उपाध्यक्ष पद पर जॉइन करने के बाद अपर्णा यादव ने सीएम योगी को धन्यवाद कहा.
नई जिम्मेदारी संभालने के बाद बीजेपी नेत्री अपर्णा यादव ने कहा- "मैं बीजेपी, राज्य सरकार और सीएम को यह जिम्मेदारी देने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मुझे और मेरी टीम को शक्ति प्रदान करें ताकि हम अच्छा काम कर सकें. मैंने हमेशा महिलाओं के मुद्दों को उठाया है... और यह मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है."
अपर्णा यादव ने आगे कहा कि वह नई जिम्मेदारी से खुश हैं और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने के लिए तैयार हैं. वहीं, बीजेपी से नाराजगी की खबरों को लेकर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, अब तक महिलाओं के मुद्दे पर जमीन पर काम करती रही हूं और अब फुल टाइम काम करूंगी.
सीएम योगी से मुलाकात को लेकर मुलायम परिवार की बहू अपर्णा यादव ने कहा कि मैं सीएम के साथ-साथ पीएम मोदी और उनकी नीतियों और महिलाओं के लिए किए गए कामों की भी सराहना करती हूं. यह ऐसा काम है, जोकि मेरे दिल के करीब है और मैं इसको लेकर पार्टी द्वारा दिखाए गए विश्वास के लिए आभारी हूं. मुझे पूरे परिवार का आशीर्वाद मिला है.
सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात और फिर सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में आश्वासन मिलने बाद अपर्णा राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हुई हैं.
अपर्णा यादव ने यह भी कहा कि शुरुआत में उन्हें बीजेपी परिवार में एकलव्य जैसा महसूस होता था, लेकिन अब (इस जिम्मेदारी के साथ) वह अर्जुन की तरह काम करना चाहती हैं. उन्होंने कहा- मैं प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार, संगठन और अपनी पार्टी की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी.
वहीं, यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2022 में विधानसभा चुनाव का टिकट न मिलने पर बीजेपी से नाराज हैं, तो इस पर अपर्णा यादव ने कहा- जब आप एक परिवार में होते हैं, तो सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होता है. इसका मतलब यह नहीं है कि कोई परेशान या नाराज है.