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झांसी में यूपी एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. इस पर उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा, "सीएम योगी जी ने जो किया, वह ठीक किया. प्रशासन ने मुझे न्याय दिलाया है. अब मेरे पति के कातिलों को सजा मिली है."
साथ ही जया पाल ने खतरे की आशंका भी जताई है. उनका कहना है कि अब खतरा और बढ़ गया है. आज अतीक का बेटा खत्म हुआ है. ऐसे में वह बदला ले सकता है. जो अपराधी बचे हैं, प्रशासन और सरकार उनको पकड़कर सजा दे. इसके अलावा जया पाल ने कहा कि अतीक की पत्नी शाइस्ता भी इस हत्याकांड में दोषी है.
अतीक साबरमती जेल में बंद था और अशरफ बरेली जेल में. इन्हीं के कहने पर ही अतीक पत्नी ने यहां हत्या की योजना बनाई और उसके बेटे ने हत्या की वरदात को अंजाम दिया. प्रशासन को उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. बेटे के एंकाउंटर के बाद अतीक के मन में भय जरूर आया होगा. जब तक ये लोग जड़ से खत्म नहीं होंगे, तब तक हमारे अंदर डर बना रहेगा.
बेटे के एनकाउंटर के बाद अतीक बदला ले सकता है- जया पाल
जया पाल ने कहा कि अतीक के नाम का डर हर किसी के दिमाग में बैठा हुआ है. अब इसे जड़ से खत्म होना चाहिए. डेढ़ महीने से ज्यादा का समय हो गया है. मैं डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल पा रही हूं. जया पाल का कहना है कि अतीक कभी भी बदला ले सकता है. जब तक आंतक पूरी तरह से खत्म नहीं होगा तब तक डर बना रहेगा.
फिलहाल बाबा जी (सीएम योगी आदित्यनाथ) सब कुछ देख रहे हैं. उनसे कुछ छुपा नहीं है. शासन और प्रशासन जो करेगा, वो अच्छा करेगा. बाबा जी मेरे पिता समान हैं. आतंक के खात्मे की शुरुआत हुई है. मुझे सहयोग मिलेगा, तो मैं समाज से आंतक को खत्म करने का प्रयास करूंगी.
आरोपियों पर रखा गया था 5 लाख रुपये का इनाम
बता दें, यूपी एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और अतीक के शूटर गुलाम को झांसी जिले में हुए एनकाउंटर में मार गिराया है. दोनों अपराधी प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में 5 लाख रुपये के इनामी थे.
यूपी एसटीएफ ने बताया है कि दोनों अपराधी झांसी में अतीक अहमद के काफिले पर हमला करके उसे छुड़ाने की साजिश रच रहे थे. एसटीएफ ने उन्हें बुधवार दोपहर करीब साढे़ बारह बजे रोका, तो दोनों फायरिंग करते हुए भागने लगे और मुठभेड़ में मार गिराए गए.
सर्विलांस की मदद से असद तक पहुंची STF
24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही पुलिस शूटरों के पीछे लगी हुई है. असद ने इस दौरान कई ठिकाने बदले. उसके दिल्ली में छिपने की भी सूचना पुलिस को मिली थी. पिछले दिनों ही प्रयागराज पुलिस और यूपी एसटीएफ ने झांसी से शूटरों के 2 मददगारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली थी कि झांसी में अतीक अहमद के पुराने करीबी ने असद और मोहम्मद गुलाम को पनाह दी थी. इसके बाद यूपी एसटीएफ ने झांसी के पास के पास सर्विलांस टीम को एक्टिव किया था.
असद के एनकाउंटर पर शहीद राघवेंद्र के परिजनों ने योगी सरकार को धन्यवाद दिया और कहा आज उन्हें अपार खुशी मिली है और मृतक राघवेंद्र की आत्मा को शांति. शहीद राघवेंद्र का कहना है कि हमें बहुत शांति मिली है, हम योगी सरकार से यह कहना चाहते हैं तीन पीढ़ियां से पुलिस विभाग में हमारे परिवार के लोग हैं. हम योगी बाबा से निवेदन करते हैं कि किसी और विभाग में हमारे बच्चे को नौकरी दें.
वहीं, राघवेंद्र की बहन ने कहा कि भाई ही घर की सारी देखरेख करता था. उसके जाने के बाद घर में बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मम्मी की तबीयत बहुत खराब रहती है पैर में दिक्कत है. आर्थिक दिक्कतों की वजह से बहन ने पढ़ाई छोड़ दी है. परिवार की कुछ मदद की जाए.