
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के 18 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस और एसटीएफ के हाथ खाली ही हैं. दिन रात छापेमारी के बाद भी पुलिस शूटरों तक नहीं पहुंच पा रही है. प्रयागराज और लखनऊ से लेकर नेपाल तक पुलिस और एसटीएफ की 22 टीमें शूटरों की तलाश में खाक छान रही है.
इस हत्याकांड में यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके बेटों का नाम सामने आने के बाद अब पुलिस उसके गुर्गों की तलाश में है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के पांच खास गुर्गे असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू और नसीर, पुलिस की हिट लिस्ट में है.
उमेश पाल की हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने इन पांच आरोपियों पर इनाम की राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है. आरोपियों में असद पुत्र अतीक अहमद निवासी चकिया, अरमान पुत्र समीम निवासी एमजी मार्ग, गुलाम पुत्र मकसूदन निवासी मेंहदौरी, गुड्डू मुस्लिम पुत्र शरीफ निवासी लाला की सराय और साबिर पुत्र नसीर निवासी मरियाडीह के नाम शामिल हैं.
ये सभी आरोपी प्रयागराज के रहने वाले हैं. यहां हम उनसभी आरोपियों के बारे में आपको बता रहे हैं जो इस समय यूपी पुलिस के लिए सिर दर्द बने हुए हैं.
मुख्तार के बेटे असद ने उमेश पाल पर चलाई थी गोली
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की सरेआम हत्या की वारदात में बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद की सबसे बड़ी भूमिका थी. उमेश पाल पर हुए हमले में अतीक अहमद के इस बेटे को ताबड़तोड़ गोली चलाते हुए देखा जा सकता है.
असद को कानूनी कार्रवाई से बचाने की साजिश भी पहले ही रच ली गई थी और यही वजह है कि उसके फोन को जानबूझकर लखनऊ में छोड़ दिया गया था.
इतना ही नहीं उमेश पाल पर हमले के दौरान ही लखनऊ में उसके एटीएम से पैसे निकाले गए थे ताकि बाद में उसकी मौजूदगी लखनऊ में दिखाई जा सके. हालांकि अब उसके नेपाल भाग जाने की आशंका जताई जा रही है.
बम बनाने में माहिर है गुड्डू मुस्लिम
बता दें कि पुलिस गुड्डू मुस्लिम ने उमेश पाल की हत्या में बमबाजी की थी जिससे शूटरों को उस पर गोली चलाने का पर्याप्त मौका मिला था. गुड्डू मुस्लिम को बम बनाने में माहिर माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि वो चलते-फिरते भी बम बना सकता है.
बमबाज गुड्डू मुस्लिम का अपराध और माफियों से संबंध का इतिहास काफी पुराना रहा है. साल 1997 में लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज में बॉयज हॉस्टल के वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पीटर गोम्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी.
इसके बाद अतीक अहमद ने ही उसकी जमानत कराई थी. जमानत के बाद गुड्डू अतीक का गुर्गा बन गया था. अतीक के साथ ही गुड्डू के कई और माफियाओं से भी संबंध रहे हैं.
यूपी की राजधानी लखनऊ में टेंडर दिलवाने में भी वो माफियाओं की मदद करता था. इतना ही नहीं बसपा सरकार के दौरान इंजीनियर हत्याकांड में भी गुड्डू मोस्टवॉन्टेड था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ समय पहले गुड्डू मुस्लिम बीमार पड़ गया था और उसकी जान पर बन आई थी. उसकी जान बचाने के लिए अतीक अहमद ने उस वक्त 8 लाख रुपये खर्च किए थे जिसके बाद उसने उस एहसान को उतारने के लिए ही उमेश पाल की हत्या में बम बनाने का फैसला किया.
शूटर अरमान ने उमेश पाल को मारी थी गोली
अतीक अहमद के खास शूटर अरमान भी उमेश पाल की हत्या में शामिल है. अरमान हेलमेट लगाकर घटनास्थल पर पहुंचा था. बीते दिनों उसकी तस्वीर सामने आई थी और अभी वो फरार है. ये वो शख्स है, जो हमले के वक्त उस मोटरसाइकिल को चला रहा था, जिस पर बैठकर गुड्डू मुस्लिम वहां पहुंचा था.
अतीक का खास है साबिर
साबिर को माफिया डॉन अतीक अहमद का बेहद खास माना जाता है और वो उसका पूर्व ड्राइवर भी रहा है. इस बीच साबिर के भाई जाकिर का शव मिला है. बताया जा रहा है कि जाकिर 10 साल पहले पत्नी की मौत के मामले में जेल भी गया था.
जाकिर 6 महीने पहले ही जमानत पर छूट कर आया था. जानकारी के मुताबिक जाकिर 21 फरवरी को कौशांबी के कोखराज थाना क्षेत्र में रहने वाली बहन गुड़िया और बहनोई अकरम के घर आया था, वह 27 फरवरी को अपने घर के लिए निकला था लेकिन पहुंचा नहीं. शूटर साबिर तो अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है लेकिन उसके भाई जाकिर का शव मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई. बताया जा रहा है कि डेडबॉडी 6 से 7 दिन पुरानी है. मृतक की बहन ने शव की शिनाख्त की है.
गुलाम ने चलाई थी उमेश पाल पर गोली
अतीक अहमद गैंग का मुख्य शूटर गुलाम को भी पुलिस दिन रात ढूंढ रही है. उमेश पाल की हत्या में गुलाम ने उस पर गोली चलाई थी.