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साफ किया गया तहखाना, लगाए गए एग्जॉस्ट, आज से ज्ञानवापी में अगले राउंड का सर्वे

यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे आज लगातार तीसरे दिन शुरू होने वाला है. सर्वे के लिए 42 लोगों की टीम ज्ञानवापी परिसर पहुंच चुकी है. यह टीम 4 अलग-अलग हिस्सों में बंटकर सर्वे को अंजाम देगी. आज का सर्वे बाकी दो दिनों से काफी अलग होने वाला है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
अभिषेक मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 06 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे जारी है. आज लगातार तीसरे दिन ASI की टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पहुंच चुकी है. आज दूसरे चरण का सर्वे होना है. आज होने वाला सर्वे पहले दो दिन के सर्वे से कई मायनों में अलग होने वाला है. क्योंकि आज ASI टीम मशीनों का भी इस्तेमाल करने वाली है.

सर्वे में मुस्लिम पक्ष के शामिल रहने की भी उम्मीद है. क्योंकि, शनिवार के सर्वे में भी मुस्लिम पक्ष शामिल हुआ था. हालांकि, इससे पहले शुक्रवार को सर्वे के पहले दिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई सामने नहीं आया था. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री मोहम्मद यासीन ने बताया कि वह कानूनी प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे. अब जब कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है तो हम ASI सर्वे में पूरा सहयोग करेंगे.

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हिंदू पक्ष को भरोसा है कि इस सर्वे के बाद ज्ञानवापी को लेकर चल रहा विवाद थम जाएगा और मंदिर के पुख्ता सबूत सामने आएंगे. वहीं, मुस्लिम पक्ष सालों से वहां मस्जिद होने की बात कह रहा है. ASI की टीम ने ज्ञानवापी कैंपस में अब तक गुंबद और खंभों की वीडियोग्राफी कर चुकी है. इस दौरान दीवारों, गुंबदों और खंभों पर बने अलग-अलग चिह्नों को रिकॉर्ड किया गया है. त्रिशूल, स्वास्तिक, घंटी, फूल जैसी आकृतियों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई है. वहीं, हर आकृति की निर्माण शैली, उसकी प्राचीनता आदि की जानकारी दर्ज की गई है.

वैसे आज सर्वे का चौथा दिन है, लेकिन लगातार सर्वे की बात की जाए तो आज तीसरा दिन ही है. दरअसल, ASI की टीम जब पहले दिन ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी. तो मुस्लिम पक्ष सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा था. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का रुख किया था. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद शुरू हुए सर्वे का आज लगातार तीसरा दिन है.

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हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि शनिवार को पश्चिमी दीवार का विस्तार से अध्ययन किया गया था. पश्चिमी दीवार से लेकर बैरिकेडिंग तक के क्षेत्र में घास हटा दी गई थी. 'तहखाना' साफ किया गया. वहां एग्जॉस्ट लगाया गया. मैंने सेंट्रल गुंबद के नीचे एक खोखली आवाज की ओर इशारा किया, इसकी जांच की जा रही है. सेंट्रल गुंबद के बगल का एक क्षेत्र, जो कृत्रिम रूप से ढका हुआ है, उसकी ओर भी इशारा किया गया. जांच चल रही है.

अब आगे किस तरह जारी रहेगा सर्वे?

शनिवार को ASI के लगातार सर्वे का दूसरा दिन था, जो करीब 7 घंटे तक चला. इस दिन ही त्रिशूल, स्वास्तिक जैसे चिन्हों की वीडियोग्राफी कराई गई. आज लगातार तीसरे दिन ASI की टीम सर्वे करेगी. मंगलवार को बिना खुदाई जमीन के नीचे सर्वे को अंजाम देने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (Ground-penetrating radar) टेक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा. 

क्या है सर्वे की GPR टेक्निक?

जीपीआर यानी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार एक ऐसी पद्धति है, जिसमें उपकरण के जरिए 8 से 10 मीटर तक की वस्तुओं का पता लगा सकता है. इसके तहत किसी भी संरचना के नीचे कंक्रीट, धातु, पाइप, केबल या किसी अन्य वस्तु की पहचान की जा सकती है.एक्सपर्ट के मुताबिक इस तकनीकी के जरिए इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन की मदद से सिग्नल मिलते हैं. इसके जरिए यह पता लगाना आसान हो जाता है कि जमीन के नीचे किस प्रकार और आकार की वस्तु या संरचना है. जीपीआर के प्राथमिक नतीजे शुरुआत में आएंगे, लेकिन पूरे सर्वेक्षण में सात से आठ दिन लग सकते हैं.

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अखिलेश-ओवैसी ने उठाए सवाल

ASI के सर्वे के बीच कई विपक्षी दल इस पर सवाल भी उठा रहे हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव बीजेपी पर ज्ञानवापी के बहाने सियासत करने का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि भाजपा गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ है. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने भी सर्वे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. ओवैसी का कहना है कि बीजेपी सर्वे के जरिए मंदिर के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. 

सर्वे टीम में 42 लोग शामिल

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि 42 लोगों की एएसआई टीम पूरे परिसर में फैल कर अलग-अलग स्टडी कर रही है. ASI के लोग व्यासजी के तहखाने में हैं. कुछ लोग एजाज भाई के तहखाने में हैं. कुछ लोग वेस्टर्न वॉल पर लगे हैं. कुछ लोग गुम्बदों पर लगे हैं. हर तरफ लोग लगे हैं, इमेजिंग-मैपिंग सब कुछ चल रहा है. बता दें कि टीम के  लोगों को चार हिस्सों में बांटकर सर्वे किया जा रहा है. बीते दिन हुए सर्वे में ज्ञानवापी परिसर के चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए थे. डेफ्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों की गहराई और ऊंचाई मापी गई थी.

क्या है ज्ञानवापी का विवाद?

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> अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था. इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी.

> महिलाओं की याचिका पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश पर पिछली साल तीन दिन तक सर्वे हुआ था. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था. दावा था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है.

> इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 

> SC ने केस जिला जज को ट्रांसफर कर इस वाद की पोषणीयता पर नियमित सुनवाई कर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से यह दलील दी गई थी कि ये प्रावधान के अनुसार और उपासना स्थल कानून 1991 के परिप्रेक्ष्य में यह वाद पोषणीय नहीं है, इसलिए इस पर सुनवाई नहीं हो सकती है. हालांकि, कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य माना था.

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> इसके बाद पांच वादी महिलाओं में से चार ने इसी साल मई में एक प्रार्थना पत्र दायर किया था. इसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का ASI से सर्वे कराया जाए. इसी पर जिला जज एके विश्वेश ने अपना फैसला सुनाते हुए ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था.

> इस फैसले को हाई कोर्ट ने सर्वे के आदेश को सही ठहराया. इसी के बाद सर्वे फिर से शुरू हो गया.

 

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