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Atiq Ashraf Murder: किसी पर 15 मुकदमे तो कोई जा चुका जेल.... अतीक-अशरफ के कातिलों की पूरी क्राइम कुंडली

बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिन अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया, उनके खिलाफ पहले से भी कई मामले दर्ज हैं. इनमें से एक हिस्ट्रीशीटर है तो दूसरा जेल की सजा काट चुका है. इसके अलावा एक फरार चल रहा था.

लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या (फाइल फोटो) लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या (फाइल फोटो)
आर्येंद्र सिंह
  • हमीरपुर/बांदा/कासगंज,
  • 16 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों अपराधियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है. ये तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है. 

सनी सिंह के खिलाफ 15 केस दर्ज

सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है. वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है. उसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं. उसके भाई पिंटू ने बताया कि वो बीते 10 साल से अपने घर नहीं आया है. सनी के पिता जगत सिंह और मां की मौत हो चुकी है.

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सनी के तीन भाई थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा भाई पिंटू घर पर रहता है और चाय की दुकान चलाता है. भाई ने बताया कि ये ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था. हम उससे अलग रहते हैं, वो बचपन में ही घर से भाग गया था.  

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अरुण के खिलाफ कई मामले

अतीक-अशरफ हत्याकांड में कासगंज का अरुण उर्फ कालिया भी शामिल था. वो सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता का रहने वाला है. अरुण के पिता का नाम हीरालाल बताया जा रहा है. वो छह साल से बाहर रह रहा था. उसके माता-पिता की मौत करीब 15 पहले हो चुकी थी. अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार है. अरुण के दो छोटे भाई भी हैं, जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं, जोकि फरीदाबाद में रहकर कबाडे का काम करते हैं. 

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पहले भी जेल जा चुका है लवलेश

बांदा में लवलेश तिवारी के घर का पता चल गया है. वो शहर कोतवाली के क्योतरा इलाके का रहने वाला है. उसके पिता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हमसे उसका कोई मतलब नहीं था. वह कभी-कभी ही घर आता-जाता था. 5-6 दिन पहले ही बांदा आया था. लवलेश इससे पहले एक मामले में जेल भी जा चुका है.  

लवलेश के खिलाफ चार पुलिस केस हैं. इनमें पहले मामले में उसे एक महीने की सजा हुई थी. दूसरा मामला लड़की को थप्पड़ मारने का था, उसमें डेढ़ साल की जेल हुई थी. तीसरा मामला शराब से जुड़ा हुआ था, इसके अलावा एक और मामला है. 
 

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प्रयागराज के होटल में रुके थे हत्यारे

इसके साथ ही अतीक के हत्यारों से पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं. हत्यारे यूपी के अलग-अलग जिलों से आए हुए थे, इसलिए उन्होंने प्रयागराज में रुकने के लिए होटल लिया था. उन्होंने 48 घंटों से होटल में अपना ठिकाना बनाया हुआ था, जिस होटल में वो रुके थे, वहां पुलिस अब छानबीन कर रही है. इसमें पता चला है कि एक हत्यारा वारदात को अंजाम देने के दौरान हैंगिंग बैग लेकर आया था. हत्यारों का सामान अब भी होटल में होने की संभावना है. पुलिस आज सुबह से ही होटल में छापेमारी कर रही है. 

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रात में पुलिस कस्टडी में हुई थी हत्या

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात करीब साढ़े 10 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी. उस समय उसे प्रयागराज के  कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए लेकर जाया जा रहा था. इसी दौरान तीन हमलावरों ने काफी नजदीक से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें दोनों की मौत हो गई. इस घटना के बाद तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और अब उनसे पूछताछ की जा रही है. 

हत्या में तुर्की निर्मित पिस्टल का इस्तेमाल

इन अपराधियों ने अतीक और अशरफ की हत्या में जिगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल किया था. यह पिस्टल तुर्की में बनती है और गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर इसे यहां लाया जाता है. भारत में इस पिस्टल पर बैन लगा हुआ है. इसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपये है. 

अतीक गैंग का सफाया करना चाहते थे आरोपी: FIR 

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हम लोग अतीक और अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे. प्रदेश में अपना नाम करना चाहते थे ताकि भविष्य में लाभ हो. हम लोग पुलिस के घेरे के अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करके भाग नहीं पाए क्योंकि पुलिस की तेज कार्रवाई से हमलोग पकड़े गए. हम दोनों को मारने की फिराक में थे मीडियापर्सन बनकर, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पाया, आज मौका मिला तो हमने घटना को अंजाम दे दिया.
 

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(हमीरपुर से नाहिद अंसारी, बांदा से सिद्धार्थ और अतुल गुप्ता के इनपुट के साथ)

 

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