
अतीक अहमद, अशरफ और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस संबंध में अतीक की बहन आइशा नूर ने याचिका दाखिल की है. इसमें उनकी हत्याओं की सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी या एक स्वतंत्र एजेंसी से व्यापक जांच की मांग की गई है. अतीक बहन का कहना है कि यूपी में सरकार की मदद से अवैध गैर-न्यायिक हत्याओं का अभियान चल रहा है. उनका कहना है कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों की मौतें यूपी के एक शातिर, मनमाने और गैरकानूनी अभियान का हिस्सा हैं. याचिका में कहा गया कि कानून व्यवस्था के नाम पर इन मुठभेड़ों को सुप्रीम कोर्ट, एनएचआरसी ने भी आलोचना की है. अतीक अहमद की बहन की याचिका में दावा किया गया है कि यूपी सरकार उनके परिवार के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है.
अतीक की बहन से पहले वकील विशाल तिवारी ने अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में न्यायिक जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने की मांग की थी. साथ ही जनहित याचिका में 2017 से अप्रैल तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच भी एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की गई थी.
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात करीब 10.30 बजे प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. पुलिस घेरे में इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.
यूपी एसटीएफ ने झांसी में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को 13 अप्रैल को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. असद के साथ उसका साथी गुलाम भी मारा गया था. पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था. वे उमेश पाल हत्याकांड में लंबे समय से फरार चल रहे थे.
अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज थे, लेकिन उसका नाम आखिरी बार उमेश पाल हत्याकांड में आया था. 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी की शिकायत पर अतीक, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता, बेटे असद, शूटर अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल 6 आरोपी मारे जा चुके हैं. जहां अरबाज, असद, गुलाम और विजय चौधरी का एनकाउंटर हुआ है, तो वहीं अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जबकि अतीक की पत्नी शाइस्ता, शूटर अरमान, गुड्डू मुस्लिम और साबिर फरार है.