
माफिया अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क के रास्ते साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ को भी प्रयागराज लाया जाएगा. वह बरेली जेल में कैद है. उसने जान का खतरा बताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी के लिए याचिका दाखिल की थी. लेकिन अदालत ने इसे नामंजूर कर दिया, जिसके चलते उसे सोमवार सुबह प्रयागराज लाया जाएगा. हालांकि किस रूट से उसे लाया जाएगा, यह फिलहाल गोपनीय रखा गया है. दरअसल, उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अहमद आरोपी हैं. कोर्ट की सुनवाई से लौट रहे उमेश पाल की हत्या हो चुकी है. लेकिन उससे पहले हुए अपहरण कांड पर 28 मार्च को फैसला आना है. इसके लिए दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि अतीक और अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में आइसोलेशन में रखा जायेगा. इन्हें सीसीटीवी कैमरे से लैस सेल में रखा जायेगा. जहां जेल कर्मियों को उनके रिकॉर्ड के आधार पर चयनित करके ड्यूटी पर लगाया जाएगा, साथ ही वह बॉडी वार्न कैमरा से लैस रहेंगे. प्रयागराज जेल कार्यालय और जेल मुख्यालय पर 24 घंटे निगरानी होगी.
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बता दें कि अशरफ पर 52 केस दर्ज हैं. उस पर बरेली जेल में बैठकर ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है. बताया जाता है कि बरेली जेल में अशरफ से मिलने के बाद शूटरों का नाम और पूरा प्लान तय हुआ था. बरेली जेल में अशरफ को विशेष सुविधा पहुंचाने के मामले में पुलिस पहले ही दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें जेल आरक्षी शिवहरि और जेल की कैंटीन में सब्जी की सप्लाई करने वाला दयाराम उर्फ नन्हें शामिल है. एक अन्य एफआईआर सद्दाम के नाम से दर्ज है. वह बाहुबली अतीक अहमद के भाई अशरफ का साला है.
बरेली जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया अशरफ
बरेली जेल में बंदी रक्षकों की मदद से अशरफ की हो रही गैरकानूनी मुलाकात के बाद अतीक के कुनबे को सीसीटीवी की निगरानी में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. बरेली जेल में बंद अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेज दिया गया है जहां उसे अकेला रखा गया है. इतना ही नहीं अशरफ की किसी से मुलाकात पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है. उस पर सीसीटीवी के जरिए 24 घंटे नजर रखी जा रही है.
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जेल में चिकन बिरयानी का आनंद उठा रहा था अशरफ
अशरफ अहमद को पीलीभीत के रहने वाले आरिफ की दुकान की चिकन बिरयानी पसंद थी. समय-समय पर डिमांड होने पर उसे आरिफ चिकन बिरयानी जेल में पहुंचाता था. कई बार जेल में अशरफ की डिमांड पर बिरयानी के अलावा खाने-पीने का अन्य सामान भी पहुंचाया गया. इसका जब खुलासा हुआ तो पुलिस ने लल्ला गद्दी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया.
राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे उमेश पाल
उमेश पाल 25 जनवरी 2005 को हुए बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. गवाही से रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण हुआ था और जिसके बाद उमेश पाल ने कोर्ट में अपने बयान बदल दिए थे. अपहरण कर जबरन बयान दिलवाने के मामले में उमेश पाल ने 1 साल बाद धूमनगंज थाने में साल 2007 में क्राइम नंबर 270 /2007 पर अतीक अहमद अशरफ और दिनेश पासी पर एफआईआर दर्ज करवाई थी. इसके बाद से मामले में जांच और सुनवाई चल रही थी. जिसका अब फैसला आना है.
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर केस दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें जांच कर रही है.