
बेंगलुरु में पत्नी और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने और न्याय व्यवस्था में खामी का आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने डेढ़ घंटे के वीडियो के साथ 23 पेज का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें एक पेज पर अपने चार साल के बेटे के लिए भी भावुक कर देने वाला मैसेज लिखा है. उसमें उन्होंने कहा कि बेटा तुम्हारे लिए मैं खुद को एक हजार बार कुर्बान कर सकता हूं.
अतुल सुभाष ने लिखा, "बेटा जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा तो सोचा कि मैं तुम्हारे लिए किसी भी दिन अपनी जान दे सकता हूं, लेकिन दुख की बात है कि मैं तुम्हारे कारण अपनी जान दे रहा हूं. मुझे अब तुम्हारा चेहरा भी याद नहीं है जब तक कि मैं तुम्हारी वो फोटो न देख लूं, जब तुम एक साल के थे. मुझे अब तुम्हारे बारे में कभी-कभी दर्द के अलावा कुछ भी महसूस नहीं होता. अब तुम बस एक टूल की तरह हो, जिसका इस्तेमाल करके मुझसे और अधिक उगाही की जाएगी."
उन्होंने आगे लिखा, "इससे तुम्हें दुख होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि अब मुझे ऐसा लग रहा है तुम मेरे द्वारा की गई एक गलती हो. यह दुखद है कि यह बेशर्म व्यवस्था एक बच्चे को अपने पिता पर बोझ और दायित्व बना सकती है. मैं परिवार से अलग रह रहे ऐसे बहुत से पिताओं से मिला हूं, उनमें से ज्यादातर जब ऑनेस्टली बात करते हैं तो उनकी भावनाएं भी ऐसी ही होती हैं. कुछ भावुक लोग अपने बच्चों के जीवन का हिस्सा बनने की बेताबी से कोशिश करते हुए हर रोज (अंदर से) मर जाते हैं. सिस्टम हर पिता के साथ ऐसा करना चाहता है. मैं ऐसा नहीं करने जा रहा हूं."
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बेटे के लिए अतुल सुभाष लिखते हैं, "जब तक मैं जीवित हूं और पैसे कमाता हूं, वे मुझसे अधिक से अधिक पैसे ऐंठने के लिए तुम्हारे दादा-दादी, चाचा और मुझे परेशान करने के लिए तुम्हें एक टूल के रूप में इस्तेमाल करेंगे. मैं उन्हें अपने पिता, मां और भाई को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं करने दे सकता."
तुम्हारे जैसे 100 बेटे कुर्बान: अतुल सुभाष
सुसाइड नोट में अतुल आगे लिखते हैं, "मैं अपने पिता के लिए तुम्हारे जैसे 100 बेटों का बलिदान कर सकता हूं और तुम्हारे लिए मैं खुद को एक हजार बार कुर्बान कर सकता हूं, लेकिन मैं अपने पिता की प्रताड़ित करने का कारण नहीं बनूंगा. मुझे शक है कि तुम कभी समझ पाओगे कि पिता क्या होता है, लेकिन मैं अच्छी तरह जानता हूं कि पिता क्या होता है."
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पिता का होना सौभाग्य की बात: अतुल सुभाष
पिता को डिफाइन करते हुए अतुल ने लिखा, "पिता होना सौभाग्य की बात है. वो मेरे लिए गौरव हैं. वो वही हैं जैसा मैं हमेशा बनने की कोशिश करता रहा. वह वही है जिसे एक बेटा चुनौती देना चाहता है. वह वही है जिस पर एक बेटा गर्व करना चाहता है. पिता पुत्र के रिश्ते को न तो लिखा जा सकता है और न ही शायद समझा जा सकता है, लेकिन अब समझाना व्यर्थ है. तुम मुझे नहीं जानोगे. काश मैं तुम्हारे साथ होता. मैं इतना कुछ देना चाहता था जो मैंने समझा, सीखा और जाना."
9 दिसंबर को बेंगलुरु में किया था सुसाइड
अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु में अपने बेडरूम के सीलिंग फैन से लटककर फांसी लगा ली. उन्होंने सुसाइड के वक्त जो टीर्शट पहनी थी, उस पर लिखा था Justice Is Due. इससे पहले डेढ घंटे का वीडियो और 24 पन्नों की चिट्ठी में अतुल ने सुसाइड के लिए पत्नी, ससुरालवालों और न्यायिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया. दरअसल शादी के दो साल बाद पत्नी ने दहेज उत्पीड़न, पिता की हत्या और अप्राकृतिक यौन शोषण तक के 9 केस अतुल के खिलाफ दर्ज करा दिए. अतुल ने आरोप लगाया कि इन मामलों को सेटल करने के लिए उनसे तीन करोड़ रुपये की डिमांड की थी.