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वासुदेव गुप्ता के परिवार की मदद को पहुंचा अयोध्या प्रशासन, कारसेवा में खाई थी पहली गोली  

आजतक की खबर के बाद अयोध्या प्रशासन वासुदेव गुप्ता के परिवार की मदद को पहुंचा. कारसेवा के दौरान पहली गोली उन्हें ही लगी थी. कारसेवक वासुदेव गुप्ता के घर के बुरे हालात के बारे में आजतक ने कल खबर दी थी. इसके बाद अयोध्या प्रशासन सक्रिय हो गया. गुरुवार को एसडीएम ने वासुदेव परिवार से मुलाकात के बाद दुकान वापस खड़ी करने का आदेश दिया.

30 अक्टूबर 1990 को वासुदेव गुप्ता को लगी थी पहली गोली. 30 अक्टूबर 1990 को वासुदेव गुप्ता को लगी थी पहली गोली.
समर्थ श्रीवास्तव
  • अयोध्या,
  • 04 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. राम मंदिर का निर्माण का काम भी पूरी मुस्तैदी से चल रहा है. मगर, यदि आज देश के करोड़ों लोगों का यह सपना पूरा हो रहा है, तो उन सैकड़ों कारसेवकों की बदौलत, जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी थी. इन्हीं में से एक थे अयोध्या के रहने वाले वासुदेव गुप्ता. 

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30 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के आदेश पर कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थीं. इसमें पहली गोली वासुदेव गुप्ता को लगी और उनका निधन हो गया. इसके बाद उनकी पत्नी और बेटे भी कार सेवा में उतर आए. हालांकि, बाद के वर्षों में परिवार की माली हालत खराब होती चली गई. आज उनकी बेटी सीमा गुप्ता एक घर के खंडहर हो चुके मकान में रहती हैं. 

देखें वीडियो...

वासुदेव की बेटी सीमा गुप्ता ने आजतक को बताया था उनके दुश्मनों ने उनकी चाय दुकान तोड़ दी है. आजतक ने ग्राउंड से टूटी हुई दुकान के वीडियो दिखाए थे. इस खबर के बाद गुरुवार को एसडीएम ने वासुदेव के परिवार से मुलाकात की. वह घर पहुंचकर सीमा से मिले और दुकान वापस खड़ी करने का आदेश दिया.

सीमा का आरोप था कि प्रशासन और पुलिस तोड़ी गई दुकान का संज्ञान नहीं ले रहे थे. कार सेवा के पहले उनके पिता दुकान चलाते थे, जिससे तीन बहनों और दो भाइयों का यह परिवार चलता था. मगर, उनके निधन के बाद मां शकुंतला गुप्ता, एक बहन और भाई का बीमारी के चलते निधन हो गया. 

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परिवार की आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनका इलाज भी नहीं कराया जा सका. सीमा गुप्ता ने बताया कि जिस वक्त पिता का निधन हुआ था, उस वक्त वह सात साल की थीं. 

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