
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी. 22 जनवरी को प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा, इस दिन लगभग 100 स्थानों पर पूजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा. इसी के साथ इस दिन ग्रीन कॉरीडोर से होते हुए वही लोग दर्शन कर पाएंगे, जिनको श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आमंत्रित किया है.
22 जनवरी के बाद बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कहां पार्किंग होगी और कहां लोग रुकेंगे, इस सबको लेकर व्यापक व्यवस्था की गई है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले 15 जनवरी से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे, जो अगले 70 दिनों तक लगातार होंगे. प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान के रूप में अयोध्या में होंगे, उस दिन 100 से अधिक स्थानों पर लोक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते दिखाई देंगे.
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अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि 22 जनवरी से पहले 14 या 15 तारीख से सांस्कृतिक कार्यक्रमों शुरुआत करेंगे. इसमें पांच स्थाई मंच बनेंगे, जो 70 दिनों तक चलेंगे और 10 मीडियम लेवल के मंच बनेंगे. जहां तक 22 जनवरी की बात है तो उस दिन 100 मंच बनेंगे, जो लोक कला के लिए होंगे. यह केवल 22 जनवरी के लिए रहेगा. यहां केवल लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम चलेंगे, बाकी जो कार्यक्रम हैं, वह लोक सांस्कृतिक आयोजन होंगे और रामलीलाओं का मंचन होगा, व्यापक कार्यक्रम किए जाएंगे.
प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी को वही लोग दर्शन कर पाएंगे, जो राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से आमंत्रित किए हैं. यह लोग ग्रीन कॉरिडोर से होते हुए सीधे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक पहुंचेंगे, लेकिन 23 जनवरी से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन की अवधि बढ़ा दी जाएगी. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग से लेकर रुकने तक की सारी व्यवस्था होगी, जिससे अधिक से अधिक लोग दर्शन कर पाएं. सुरक्षा की दृष्टि से 18 जनवरी की रात से आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के अलावा कोई भी बड़ा वाहन अयोध्या में प्रवेश नहीं कर पाएंगा.
डीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से जो गेस्ट लिस्ट होगी, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, 22 जनवरी को वही लोग दर्शन करेंगे. 23 तारीख से व्यापक इंतजाम किए हैं. ट्रस्ट के द्वारा बातचीत की जा चुकी है. दर्शन की अवधि बढ़ाई जाएगी. ट्रस्ट इस बात पर सहमत है कि अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर पाएं.
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जिलाधिकारी ने कहा कि 18 जनवरी से लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर हम लोग गाइड करेंगे. जो भारी वाहन हैं, उनको डायवर्ट किया जाएगा. जो नॉर्मल वाहन हैं और चार पहिया वाहन हैं, वह आएंगे. 22 जनवरी को ग्रीन कॉरिडोर बनाएंगे. जो हमारे गेस्ट हैं, वह उसी रास्ते से आएंगे. लखनऊ अयोध्या मार्ग पर सीधे दर्शन करने जा सकते हैं.
उड़िया के पास 35 एकड़ की पार्किंग बना रहे हैं. 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे जो हमारे पास स्थान है, उसका भी हम इस्तेमाल कर सकते हैं. प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन यानी 23 जनवरी से वाहनों के लिए मल्टीलेयर पार्किंग होगी, साथ ही बृहद क्षेत्र में पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है.
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डीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 23 जनवरी के बाद जो लोग आएंगे, उसको लेकर कहां-कहां पार्किंग स्थल रखें, इसको लेकर तैयारी हो रही है. हमारे दो आरोबी कंप्लीट हो जाएंगे. इतनी बड़ी संख्या में जब श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे तो वे रुकेंगे कहां? इसके लिए भी प्लान बनाया गया है.
प्रशासन का मानना है कि दर्शन करने आने वाले लोगों में 10 फीसदी लोग ही दर्शन के बाद रुकते हैं. इसलिए अलग-अलग स्थान पर रुकने के लिए लगभग 70 हजार लोगों की व्यवस्था है, जो होटल, धर्मशालाओं और मंदिरों में रुकने के साथ-साथ टेंट सिटी में भी रात्रि विश्राम कर सकते हैं.
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डीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अनुमान है कि लगभग 10 प्रतिशत लोग दर्शन के बाद यहां रुकते हैं. जैसे 2 लाख लोग अगर आते हैं तो 20000 लोग रुकते हैं. हमारे पास विभिन्न होटलों, मंदिरों और धर्मशाला में 30000 की कैपेसिटी यहां पर है. हमने यहां पेइंग गेस्ट योजना के तहत प्रयोग किया था, उसके तहत भी हमारे पास ढाई हजार कमरे हैं.
इसके अलावा हम लोगों ने टेंट सिटी की भी व्यवस्था की है. ट्रस्ट के द्वारा लगभग 15000 लोगों के लिए टेंट सिटी की व्यवस्था की जा रही है. प्रशासन की तरफ से भी 5000 लोगों के लिए टेंट सिटी की व्यवस्था की जा चुकी है. इसके अलावा हम लोग 25000 लोगों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था कर रहे हैं.