
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को राम नवमी को लेकर रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है. इस अलौकिक दृश्य को देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो रहे हैं. भक्ति के इस माहौल में मंदिर के मुख्य द्वार को विशेष रूप से सजाया गया है, जहां भक्तगण सेल्फी लेते हुए उत्साहपूर्वक दर्शन कर रहे हैं.
हिंदू नववर्ष और राम नवमी के उपलक्ष्य में राम जन्मभूमि का मुख्य द्वार बेहद आकर्षक रूप में सजाया गया है. श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर की ओर उमड़ रहा है, जो भक्ति में लीन होकर भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. मंदिर का गर्भगृह इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है, जहां भगवान श्रीराम विराजमान हैं. भगवान के सिंहासन को विशेष रूप से भव्य और मनमोहक रूप दिया गया है.
पूरे अयोध्या शहर को भी दिव्य और भव्य रूप से सजाया गया है. सड़कों पर चमचमाते सूर्य स्तंभ, साफ-सुथरी चौड़ी सड़कें, स्वच्छ और निर्मल सरयू नदी के तट, राम की पैड़ी की अलौकिक छटा- यह सब मिलकर नगरी को अद्वितीय बना रहे हैं. पूरा शहर एक सजा हुआ है, जिससे राम जन्मोत्सव का उल्लास है.
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रविवार से नौ दिवसीय रामनवमी महोत्सव का शुभारंभ हो रहा है, जिसमें 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की संभावना है. रामनगरी के आठ हजार मंदिरों में कथा-प्रवचन और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दे रही है. यहां शनिवार को चैत्र अमावस्या के अवसर पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान कर भगवान नागेश्वरनाथ महादेव का पूजन किया.
जो भक्त अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे, वे भी इस उत्सव का आनंद ले सकेंगे. प्रसार भारती द्वारा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा. अयोध्या शहर में 100 से अधिक एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं, जहां श्रद्धालु उत्सव का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा इन स्क्रीन पर रामायण का भी प्रसारण किया जाएगा.
राम जन्मोत्सव का मुख्य पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन दोपहर 12 बजे भगवान श्रीराम का प्राकट्य होगा और पूरी अयोध्या इस उत्सव में मगन होगी. राम मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी.
रामनवमी मेले के लिए श्रद्धालुओं का आगमन भी शुरू हो गया है. महाकुंभ मेले के बाद अब अयोध्या में रामनवमी मेले का उल्लास है. आज रविवार से नौ दिवसीय रामनवमी मेले का शुभारंभ हो रहा है. रामनगरी मेले में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की संभावना है. रामनगरी के आठ हजार मंदिरों में कथा-प्रवचनों से राम का गुणगान होगा तो बधाई गान भी गूंजेगा.
शनिवार को चैत्र अमावस्या पर एक लाख भक्तों ने सरयू में स्नान कर नागेश्वरनाथ महादेव का पूजन किया. इस अवसर पर महिलाओं ने पीपल वृक्ष का पूजन कर पति की लंबी उम्र के लिए फेरे लिए. इसके बाद भक्तों ने रामलला व हनुमानगढ़ी में हाजिरी लगाई. राम जन्मोत्सव का मुख्य पर्व छह अप्रैल को मनाया जाएगा.