
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का ग्राउंड फ़्लोर का काम अंतिम चरण में है. सोमवार को ट्रस्ट के सदस्य नृपेंद्र मिश्रा ने काम का जायज़ा लिया. मंदिर के लिए हो रहे काम की हर दिन निगरानी हो रही है. मंदिर का भूतल अक्टूबर 2023 तक बन कर तैयार हो जाएगा.
राम मंदिर तीन मंज़िला होगा. कुबेर टीले पर शिव मंदिर और जटायु भक्तों को आकर्षित करेगा. अयोध्या का राम मंदिर 380 फ़ीट लंबा, 250 चौड़ा और 161 फ़ीट उंचा होगा. मंदिर में सागौन की लकड़ी के 46 दरवाज़े होंगे. गर्भ गृह का दरवाज़ा स्वर्ण जड़ित होगा. मंदिर में 392 स्तंभ होंगे.
गर्भ गृह में राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल जनवरी में होगी. इसके लिए तारीख़ अभी तय नहीं पर बताया गया कि मकर संक्रांति के बाद यह आयोजन होगा. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा.
कलर, मटेरियल और डिजाइन के जरिए इस तरह निखरेगी अयोध्या
रामलाल के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठित कार्यक्रम के दौरान राम भक्तों को पौराणिक अयोध्या के नए रूप के दर्शन होंगे. अलग-अलग डिजाइन, कलर पैटर्न और मटेरियल पैटर्न के द्वारा अयोध्या को यह दिव्य रूप दिया जा रहा है. वहीं रंगविरंगी लाइट से सुसज्जित राम मंदिर के अलग अलग मार्ग अनोखी छटा बिखेरेंगे तो पर्यटन की ऐसी विविधता भी होगी कि दर्शनार्थी बिना रुके इसके सौंदर्य और रूप को पूरी तरह निहार नहीं सकेंगे. यानि जब रुकेंगे तो अयोध्या का धार्मिक ही नहीं पर्यटन के साथ आर्थिक विकास भी होगा.
रंगों के जरिए दूर से ही हो सकेगी पहचान
अयोध्या को इस तरह नवनिर्मित किया जा रहा है कि दुकान हो, मकान हो, या फिर मंदिर रंगों के जरिए दूर से ही पहचान हो सकेगी. अलग-अलग श्रेणी के भवनों के लिए अलग-अलग रंग तय किए गए हैं. इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2031 के तहत बड़ा बिल्डिंग कोड को लागू किया जाएगा. इसको लेकर एडीए की एक तकनीकी टीम ने पूरी कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत श्रेणीवार भवनों के अनुसार उनके रंग होंगे. जैसे आवासीय भवन और कमर्शियल भवन अलग-अलग रंग के होंगे तो मंदिर और अन्य अलग रंगों में दिखाई देंगे.
नगर आयुक्त अयोध्या विशाल सिंह ने कहा कि रंगों का चयन इस तरह किया जाएगा कि अयोध्या की पौराणिकता और गरिमा के अनुरूप लगे. इसमें सबसे अधिक जोर अयोध्या की मुख्य सड़कों के अतरिक्त मंदिर मार्ग जैसे ,राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ के किनारे स्थित भवनों और संस्थानों पर है.
नगर आयुक्त के मुताबिक अयोध्या विजन के तहत जो विकास का खाका खींचा जा रहा है उसके तहत सांस्कृतिक, वैदिक और पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करते हुए अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना है. इसमें अयोध्या की मुख्य सड़कों के साथ मंदिर मार्ग को जोड़ने वाली सड़कों का चौड़ीकरण, पुरातन मंदिरों और ऐतिहासिक इमारत का रंग रोगन और फसाड लाइट के जरिए सौंदर्यीकरण शामिल है. जिससे आसमान से भी अयोध्या की अलग छटा दिखाई दे.
पर्यटन स्थलों में विविधता
इसी के साथ पर्यटन स्थलों में विविधता के जरिए भी अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों में आकर्षण जगाया जाएगा.जिससे अयोध्या आने के बाद दर्शनार्थी अधिक समय बिताए और विकास के साथ अयोध्या का आर्थिक ढांचा भी मजबूत हो सके. नगर आयुक्त अयोध्या विशाल सिंह ने कहा कि देखिए पर्यटन की विविधता हमारे अयोध्या विजन 2047 का एक हिस्सा है.
नगर आयुक्त ने आगे कहा कि इसके अंदर पौराणिक दर्शन जो मंदिरों में वह तो है ही इसके अतिरिक्त पर्यटन को विविधता देने के लिए तमाम अलग-अलग प्रोजेक्ट भी विकसित किए गए हैं. जैसेकि सूर्य कुंड पर हमारा ट्रायल एंड रन चल रहा है, गुप्तार घाट का पूरा क्षेत्र भी हमारा डेवलप हो चुका है.
बनाई गई श्री राम वर्ड सेंचुरी
एडवेंचर स्पोर्ट्स है, समदा में श्री राम वर्ड सेंचुरी बनाई गई है. इस तरह पूरे शहर में जो पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के साथ जो हेरिटेज साइट्स है उनको भी विकसित किया जा रहा है और टूरिज्म के लिए जो आवश्यक सुविधाएं हैं उनका भी विकास किया जा रहा है, जिससे टूरिस्ट और श्रद्धालु यहां आए 14 कोसी पंचकोसी 84 कोसी सभी तरह की परिक्रमाएं करें और इस तरह के स्थान पर जाकर उसका भी आनंद ले और कम से कम दो से तीन दिन अयोध्या में रुके.
नगर आयुक्त ने आगे कहा कि यहां का सोशल और आर्थिक डेवलपमेंट तभी संभव होगा जब यहां पर आने वाले पर्यटक यहां पर रुकेंगे. उनका पैसा जब जहां पर लगेगा तब ही अयोध्या का चौमुखी विकास संभव हो सकेगा. इस दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहे हैं.
( अयोध्या से अनिल कुमार के इनपुट के साथ )