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51 इंच की होगी रामलला की मूर्ति, ललाट पर पड़ेगी सूर्यकिरण... अयोध्या के राम मंदिर में विराजित होगी दुनिया की सबसे अनोखी मूर्ति

राम मंदिर निर्माण की समिति के अध्यक्ष ने बताया कि एक उपकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा. इससे हर साल रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे पर कुछ देर के लिए पड़ेंगी.

अयोध्या: राम मंदिर में विराजमान होगी रामलला की भव्य मूर्ति (सांकेतिक फ़ोटो) अयोध्या: राम मंदिर में विराजमान होगी रामलला की भव्य मूर्ति (सांकेतिक फ़ोटो)
कुमार अभिषेक
  • अयोध्या ,
  • 23 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. ऐसे में सबकी निगाहें रामलला की मूर्ति पर टिकी हैं. श्रद्धालु जन मूर्ति स्वरूप के दर्शन करने को आतुर हैं. बताया जा रहा है कि राम मंदिर में विराजमान होने वाली रामलला की मूर्ति दुनिया की सबसे अनोखी मूर्ति होगी. 

रामलला की ये मूर्ति बाल स्वरूप की होगी और अचल होगी. रामनवमी के दिन इसपर सूर्य की किरणें पड़ेंगी. रामलला के ललाट पर जब सूर्य किरण पड़ेगी तो नजारा बेहद अद्भुत होगा. इसको लेकर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कैसे साइंटिफिक तरीके से मंदिर का पूरा स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. 

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फिलहाल, रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति राजस्थान में तैयार हो रही है. रामलला की ये मूर्ति अचल है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. ये मूर्ति 51 इंच की होगी. रामलला के अलावा श्री हरि के 10 अवतारों की मूर्तियां भी होंगी. 

रामलला का बाल रूप अचल होगा, जो गर्भगृह में होगा और जिसके दर्शन राम भक्तों को होंगे. जबकि चल मूर्तियों की ऊंचाई करीब 7 फीट होगी. उत्सवों में चल मूर्ति ही शोभायात्रा में निकाली जा सकती है.

वहीं, राम मंदिर निर्माण की समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि एक उपकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा. इससे हर साल रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे पर कुछ देर के लिए पड़ेंगी.

ऐसा होगा अयोध्या का राम मंदिर  

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बता दें कि राम जन्मभूमि क्षेत्र में 2.7 एकड़ में राम मंदिर बन रहा है. ये तीन मंजिला होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट होगी. मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से नक्काशीदार पत्थर लाए गए हैं. मंदिर के चारों ओर आठ एकड़ की परिधि में 48 फीट ऊंची प्राचीर भी बनाई जा रही है. मंदिर परिसर में राम मंदिर के अलावा छह और मंदिर बनाए जा रहे हैं. 

सिंह द्वार से राम मंदिर में प्रवेश करने से पहले पूर्वी दिशा में एक मुख्य द्वार होगा, जहां से श्रद्धालु परिसर में आएंगे. मुख्य द्वार के बगल में ही निकास द्वार भी बनाया जा रहा है. इसके अलावा एक सुरंग भी बन रही है, जहां से भी भक्त आ और जा सकेंगे. प्राण प्रतिष्ठा से पहले परिसर का मुख्य द्वार बन जाएगा.

मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार 'सिंह द्वार' होगा. राम मंदिर में कुल 392 पिलर होंगे. गर्भगृह में 160 और ऊपरी तल में 132 खंभे होंगे. मंदिर में 12 द्वार होंगे. इन्हें सागौन की लकड़ी से बनाया जा रहा है. सिंह द्वार के जरिए जैसे ही मंदिर में प्रवेश करेंगे, सामने आपको नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप भी दिखेगा. मंदिर परिसर में सूर्य देवता, भगवान विष्णु और पंचदेव मंदिर भी बन रहा है.

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प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब मंदिर को आम लोगों के लिए खोला जाएगा तो हर दिन डेढ़ लाख श्रद्दालुओं के आने की उम्मीद है. इसलिए रामलला के दर्शन के लिए हर श्रद्धालु को 15 से 20 सेकंड का समय ही मिलेगा.

22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा 

गौरतलब है कि राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से भगवान की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस आयोजन को भव्य बनाने की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं.

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